औरंगजेब की कब्र पर तनाव… अफवाह ने नागपुर में फैलाई आग, कौन है जिम्मेदार?

Seema Pal

नागुपर : इतिहास के पन्नों में दर्ज एक औरंगजेब ने पूरे देश में हिंसा फैला दी। जी हां, महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजम के मुंह से औरंगजेब की निकली तारीफ ने नागपुर को आग में झोंक दिया। बीते सोमवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर एक अफवाह उड़ी और नागपुर हिंसा की आग में जल उठा।

बता दें कि नागपुर में दक्षिणपंथी संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद इस प्रदर्शन में धार्मिक ग्रंथ को जलाने की अफवाह फैल गई। जिससे दो समुदायों के बीच पहले पथराव हुआ और फिर विरोध प्रदर्शन हिंसा का रूप ले लिया। उपद्रवियों ने शहर में जगह-जगह आगजनी की। इस हिंसा में चार लोग घायल हो गए। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। नागपुर पुलिस ने संवेदनशील इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। कर्फ्यू के दौरान नागपुर में चार लोग एक स्थान पर एकत्रित करने पर पाबंदी लगा दी है।

क्या है पूरा मामला?

17 मार्च 2025 को नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर एक विवाद सामने आया। दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि यह कब्र हिंदू धर्म का अपमान है और इसे हटाने की मांग की। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई।

अफवाह का असर

हिंसा और तनाव के पीछे मुख्य कारण एक अफवाह थी, जिसके अनुसार किसी ने एक धार्मिक ग्रंथ को जलाने का प्रयास किया था। इस अफवाह ने दोनों समुदायों के बीच गुस्सा और तनाव बढ़ा दिया, जिससे स्थिति और भी बिगड़ी।

हिंसा की घटनाएं

अफवाह फैलने के बाद, दो गुटों के बीच पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। इससे चार लोग घायल हो गए, और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

पुलिस कार्रवाई और धारा 144

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने महल इलाके में धारा 144 लागू कर दी। इसका मतलब है कि अब वहां एक साथ चार या उससे अधिक लोग जमा नहीं हो सकते। पुलिस ने मौके पर सख्त कदम उठाए हैं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और प्रशासन को इस पर नियंत्रण रखने के लिए तत्पर रहने की चेतावनी दी।

यह घटना अफवाहों के कारण भड़की हिंसा की एक उदाहरण है। इसने यह भी दर्शाया कि कैसे कुछ झूठी जानकारी या अफवाहें सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकती हैं और हिंसा का कारण बन सकती हैं। इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है ताकि शांति और सौहार्द्र बनाए रखा जा सके।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

मुखवा में पीएम मोदी ने की गंगा पूजा अंसल एपीआई पर कार्रवाई : पिता – पुत्र समेत 5 पर मुकदमा दर्ज ट्रंप ने भारत , चीन समेत देशों पर उच्च शुल्क लगाने का किया ऐलान परिजनों ने कहा – सचिन तो सिर्फ मोहरा , कत्ल के पीछे कोई ओर रूम पर चलो नहीं तो नौकरी छोड़ : नर्सिंग ऑफिसर की पिटाई