
हैदराबाद। तेलंगाना की पूर्व बीआरएस सरकार में हुए फोन टैपिंग कांड की जांच अब तेजी पकड़ रही है। इसी सिलसिले में केंद्रीय राज्य मंत्री बांदी संजय कुमार को गवाह के रूप में बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस ने तलब किया है। पुलिस ने उनसे पूछताछ के लिए समय मांगा है और मंत्री ने जांच में पूर्ण सहयोग देने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला?
तेलंगाना में बीआरएस सरकार के दौरान राजनेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायपालिका से जुड़े लोगों के फोन अवैध रूप से टैप किए जाने का मामला सामने आया था।
इसका मकसद कथित रूप से सत्ताधारी पार्टी को चुनावी फायदा पहुंचाना था। इस पूरे मामले में राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी. प्रभाकर राव को मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।
बांदी संजय ने लगाए थे सबसे पहले आरोप
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बांदी संजय ने करीमनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया:
- उन्होंने सबसे पहले बीआरएस सरकार पर फोन टैपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे।
- इसके लिए उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, जिसे उन्होंने अवैध बताया।
- उस समय वे तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।
संजय ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच CBI से होनी चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। उन्होंने याद दिलाया कि मौजूदा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी जब विपक्ष में थे, तब उन्होंने भी CBI जांच की मांग की थी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी दर्ज कराए बयान
फोन टैपिंग कांड की जांच में 17 जून को तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ ने भी अपने बयान दर्ज कराए।
गौड़ ने स्पष्ट कहा कि, “जो लोग इस साजिश में शामिल थे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
जांच की दिशा
- पुलिस स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (SIB) के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव से पूछताछ कर रही है।
- अब तक कई राजनेता, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ जांच के दायरे में आ चुके हैं।
- यह मामला सियासी गलियारों में एक बड़ा घोटाला माना जा रहा है।
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