
Bihar : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर पारंपरिक रीतियों को तोड़ते हुए सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने 18वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण से दूरी बना ली है।
इस सत्र का आज तीसरा दिन है, जिसमें दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होनी है और राज्यपाल का अभिभाषण भी प्रस्तावित है। अभिभाषण में नई सरकार के एजेंडों को सदनों के सदस्यों के सामने रखा जाएगा। जैसे ही अभिभाषण शुरू होने वाला है, सभी सदस्यों को उपस्थित रहने का आदेश है, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं हैं।
दरअसल, सदन के दूसरे दिन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वे फिलहाल दिल्ली में ही हैं। सदन शुरू होने से पहले भी तेजस्वी दिल्ली में ही थे। उन्होंने सदन शुरू होने से एक दिन पहले पटना लौटने के दौरान अपने परिवार के साथ दिल्ली जाने का निर्णय लिया। तेजस्वी यादव का परिवार भी दिल्ली में ही है। इस तरह, उन्होंने अपने नेता प्रतिपक्ष के दायित्व को नजरअंदाज कर बीते दिन दिल्ली रुख किया। तेजस्वी यादव के दिल्ली जाने से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
दो दिनों तक सदन में रहे तेजस्वी
सदन की कार्यवाही 1 दिसंबर से शुरू हुई थी। पहले दिन सभी नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ग्रहण की, जिसमें तेजस्वी यादव भी शामिल थे। दूसरे दिन भी वे सदन में उपस्थित रहे। उस दिन बचे हुए 7 विधायकों में से 5 ने शपथ ली। इसके बाद नए स्पीकर का चुनाव हुआ, जिसमें तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए स्पीकर प्रेम कुमार को पद संभालने के लिए समर्थन दिया।
हालांकि, तीसरे दिन तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं हैं। उनकी गैरमौजूदगी से सियासी चर्चाएं तेज हैं। तेजस्वी का दिल्ली जाना और सदन से दूरी बनाना राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है, जबकि उनका यह कदम पारंपरिक परंपराओं से अलग माना जा रहा है।
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