
नई दिल्ली । 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा ने दिल्ली की एक विशेष अदालत से अपील की है कि उसके मुकदमे में कोई ऐसा वकील नियुक्त न किया जाए जो इस केस के ज़रिये नाम और शोहरत कमाने की कोशिश करे। अदालत ने उसकी इस मांग को स्वीकार करते हुए आवश्यक निर्देश भी दे दिए हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार रात को लगभग 10 बजे एनआईए ने राणा की औपचारिक गिरफ्तारी की, जिसके बाद उसे पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। एनआईए ने 20 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने 18 दिन की कस्टडी की मंजूरी दी। इस दौरान राणा से एनआईए मुख्यालय में गहन पूछताछ की जाएगी। यहां पर विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने कहा, कि आरोपी की मांग है कि उसके केस को कोई ऐसा वकील न देखे जो मीडिया में प्रसिद्धि पाने का प्रयास करे। भले ही उसे विधिक सेवा अधिनियम के तहत वकील नियुक्त किए गए हों, फिर भी उसकी भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
इसी के साथ अदालत ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिया कि राणा के वकील किसी भी प्रकार के मीडिया (प्रिंट, डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक) से कोई बातचीत नहीं करेंगे। साथ ही, अगर वकील की पहचान मीडिया को पहले से ज्ञात नहीं है, तो वह जानकारी भी साझा नहीं की जाएगी। अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि राणा को सॉफ्ट-टिप पेन और कागज उपलब्ध कराया जाए, जिससे वह अपने वकील को निर्देश दे सके, बिना खुद को नुकसान पहुंचाए।
वहीं एनआईए के प्रवक्ता ने तड़के सुबह 2:10 बजे जानकारी देते हुए कहा, कि राणा को हिरासत में लेकर विशेष अदालत में पेश किया गया। उसे 18 दिनों के लिए एनआईए मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां उससे 2008 के भयावह आतंकी हमले की साजिश से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ की जाएगी। बताते चलें कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।