
लखनऊ। लखनऊ नगर निगम के जोन-8 में कर निर्धारण घोटाले ने एक बार फिर नगर प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। करोड़ों रुपये के इस घोटाले की गूंज अब मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस पत्र के आधार पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने तत्काल संज्ञान लेते हुए सतर्कता विभाग को जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, संबंधित अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
अफसरों पर मंडराया कार्रवाई का साया
जांच की आंच सबसे पहले जोनल अधिकारी अजीत राय और कर निरीक्षक देवी शंकर दुबे तक पहुंची है। सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, घोटाले में कई अन्य वरिष्ठ अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, जो जल्द जांच के घेरे में आ सकते हैं।
पहले भी दब चुका था मामला!
चौंकाने वाली बात यह है कि यह पहला मौका नहीं है जब विधायक ने इस घोटाले की शिकायत की हो। इससे पहले भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था, लेकिन आरोप है कि प्रमुख सचिव गृह के निजी सचिव सुधीर कुमार ने वह पत्र दबाने की कोशिश की थी।
अब सवाल यह उठ रहा है कि सरकारी खजाने को चूना लगाने वालों पर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? क्या कुछ अधिकारी इन भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगे हैं?
विधायक कर सकते हैं मुख्यमंत्री से सीधी वार्ता
जानकारी के मुताबिक, विधायक इस पूरे मामले को लेकर अब मुख्यमंत्री से सीधी वार्ता करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि नगर निगम में व्यवस्थित रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है और आम जनता के टैक्स के पैसे का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है।
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