
अलकनंदा हादसा : जम्मू-कश्मीर में तवी नदी में आई बाढ़ के बाद उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में नदियां मौत बनकर बह रही हैं। बुधवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी में यात्रियों से भरी बस बह गई। जिसमें एक लोगों की मौत हो गई है और कई लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। उधर, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे नदियों और नाले में पानी का स्तर बढ़ गया। कुल्लू में नदियों में पानी ऊफान पर है, जो तबाही मचा रहा है। कई मकान पानी में समा गए तो बह गए। अब तक दो लोगों की मौत चुकी है जबकि करीब 20 से अधिक लोगों के बह जाने की आशंका है।
कांगड़ा जिले के खनियारा क्षेत्र में स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना के पास मजदूर कॉलोनी में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से हड़कंप मच गया है। बाढ़ के पानी ने अस्थायी आश्रयों में रह रहे मजदूरों को अपने साथ बहा लिया है। घटना के अनुसार, निर्माण कार्य के रुकने के बाद मजदूर विश्राम कर रहे थे, तभी मनुनी खड्ड और आसपास के नालों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया और पानी कॉलोनी में घुसने लगा।
जानकारी के अनुसार, अब तक मनुनी खड्ड से दो शव बरामद किए गए हैं, जबकि 15 से 20 मजदूरों के लापता होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। मौके पर राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), स्थानीय प्रशासन और राजस्व विभाग की टीमें जुटी हुई हैं। कुछ मजदूरों के सुरक्षित निकलने की भी खबर है, जबकि अन्य अभी भी खोजे जा रहे हैं।
वहीं, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुरुवार सुबह एक दुखद हादसे में अलकनंदा नदी में बस गिर गई। हादसा घोलतीर में बद्रीनाथ हाईवे पर हुआ। बस में कुल 18 यात्री सवार थे, जिसमें से 1 व्यक्ति की मौत हो गई है और 7 घायल हो चुके हैं। अभी भी 10 लोग लापता हैं। हादसे की वजह का पता नहीं चल पाया है, राहत और बचाव कार्य जारी है।
इसी बीच, हिमाचल प्रदेश के दो जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान चार घटनाएं हुईं, जिनमें भारी बारिश के कारण बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुईं। कुल्लू के जीवा नाला, गढ़सा घाटी के शिलागढ़, और बंजार के होरनगढ़ में तथा कांगड़ा जिले के धर्मशाला में बादल फटा। इन घटनाओं में कुल 6 और 3 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। खासतौर पर खनियारा में बिजली प्रोजेक्ट के पास हुई घटना में 20 मजदूर बह गए थे, जिसमें से 2 शव बरामद किए गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चलता रहा।
आमतौर पर जून-जुलाई के महीनों में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण नदियां ऊफान पर आ जाती हैं। इसके पीछे कई कारण मौसम का मानसून प्रवाह और भारी वर्षा और ग्लेशियर पिघलना हैं। इन महीनों में मानसून की सक्रियता अधिक होती है, जिससे भारी बारिश होती है। पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान अधिक होने और नदियों में जल का संचय होने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता है। इन नदियों के ऊफान में बहने से आसपास रह रहे लोगों के जीवन पर संकट आ जाता है। इसलिए राज्य सरकारों को पहले ही इस संकट से निपटने के लिए सुरक्षा-तैयारी कर लेनी चाहिए।