LPG सिलेंडर ब्लास्ट में टैंकर चालक जिंदा जला, सुबह तक जारी रहा बेंजीन टैंकर कूलिंग ऑपरेशन

  •  12 गाड़ियों ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू

Jaipur : जयपुर ग्रामीण जिले के मौजमाबाद थाना क्षेत्र में जयपुर–अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार देर रात एलपीजी सिलेंडर ब्लास्ट से बड़ा हादसा हो गया। हादसे के बाद बुधवार सुबह तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकी थी। सुबह नौ बजे तक गिदानी से सावरदा तक दो किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा, जबकि अजमेर से जयपुर की ओर दूदू तक पांच किलोमीटर तक वाहनों की कतारें जमी रहीं। पुलिस और प्रशासन की टीमें क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू करने में जुटी रहीं। इस बीच फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर हादसे से संबंधित साक्ष्य जुटाए।

जयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि हादसे में टैंकर चालक रामराज मीणा 35 की जलने से मौत हो गई, जबकि चार लोग झुलस गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एलपीजी ट्रक के पास खड़ी पांच गाड़ियां भी आग की चपेट में आ गईं। आग पर काबू पाने के लिए दमकल की बारह गाड़ियों को करीब तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि टैंकर में भरा बेंजीन केमिकल आग की चपेट में नहीं आया, लेकिन बुधवार सुबह जब टैंकर को हटाया जा रहा था, तब उसमें रिसाव शुरू हो गया। इसके चलते आसपास के इलाके को खाली कराते हुए सुबह तक कूलिंग ऑपरेशन जारी रहा।

हादसे के सात घंटे बाद भी टैंकर का तापमान सामान्य नहीं हो पाया था, इसलिए सुबह तक उस पर पानी का छिड़काव होता रहा। मौजमाबाद तहसीलदार सुरेंद्र विश्नोई ने बताया कि टैंकर में बेंजीन नामक रसायन भरा हुआ था। पेट्रोकेमिकल विशेषज्ञों के अनुसार, यह रंगहीन और अत्यधिक ज्वलनशील तरल है, जो कच्चे तेल और गैसोलीन का घटक होता है तथा प्लास्टिक, डिटर्जेंट और दवाओं के निर्माण में उपयोग किया जाता है। यह टैंकर गुजरात की ओर जा रहा था।

पुलिस के अनुसार हाईवे पर खड़े एलपीजी ट्रक को एक तेज रफ्तार केमिकल टैंकर ने टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद ट्रक में आग लग गई और सिलेंडरों में लगातार धमाके होने लगे। धमाकों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दो सौ मीटर दूर तक सिलेंडर उछलकर गिरे। आग पर काबू पाने के लिए किशनगढ़, सांभर, फुलेरा, जयपुर शहर और मुहाना से तीन दर्जन से अधिक दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। एसडीआरएफ, आरएसी और अग्निशमन विभाग की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी रहीं। देर रात तक प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर अधिकांश ट्रैफिक को नासनोदा व मौजमाबाद मार्ग से डायवर्ट कर दिया, जिससे बीस किलोमीटर लंबा जाम घटकर पांच किलोमीटर तक सीमित हो गया। जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी के निर्देश पर सुबह साढ़े चार बजे हाईवे को दोनों ओर से यातायात के लिए खोल दिया गया।

हादसे के तुरंत बाद सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया। प्लास्टिक सर्जन सहित पूरा चिकित्सा स्टाफ इमरजेंसी में तैनात रहा और आईसीयू बेड आरक्षित किए गए। ट्रॉमा सेंटर के उप अधीक्षक डॉ. जगदीश मोदी ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही अतिरिक्त चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ को बुलाया गया। अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. अरविंद पालावत और डॉ. हेमंत तिवाड़ी सहित वरिष्ठ चिकित्सक पूरी रात अस्पताल में मौजूद रहे। प्लास्टिक सर्जरी यूनिट को मरीजों के लिए वार्ड खाली रखने और आवश्यक दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। अस्पताल परिसर को सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से छावनी में तब्दील कर दिया गया।

गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में भी जयपुर–अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर ब्लास्ट की एक भीषण दुर्घटना हुई थी, जिसमें बीस लोगों की मौत हो गई थी। उस समय यू-टर्न लेते हुए ट्रक और टैंकर की टक्कर से गैस लीक हुई थी और तेज धमाके के साथ आग फैल गई थी। इस बार प्रशासन की तत्परता और दमकलकर्मियों की सक्रियता से एक बड़ा हादसा टल गया।

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