पाकिस्तानी सैनिकों के पैंट की तालिबान ने निकाली परेड, भारत का नाम बीच में क्यों आया?

Pakistan Afganistan War : अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा पर तीव्र झड़पों के बाद अब डिजिटल युद्ध का दौर शुरू हो गया है। इस बार यह युद्ध सोशल मीडिया पर जारी है, जहां तालिबान ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए एक मज़ाकिया वीडियो वायरल किया है, जिसे ‘पैंट परेड’ कहा जा रहा है। यह वीडियो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की हार का प्रतीक 93,000 सैनिकों के आत्मसमर्पण की याद दिलाता है, और इसने पाकिस्तान की बेइज्जती को नई पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया है।

कैसे शुरू हुआ यह डिजिटल युद्ध?

पिछले हफ्ते अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच जबरदस्त टकराव हुआ। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन तालिबान ने जवाबी हमला कर पाकिस्तान की 20 चौकियां ध्वस्त कर दीं और 60 से अधिक सैनिकों को मार गिराया। इस युद्ध के बीच, जैसे ही कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता पर युद्धविराम हुआ, सोशल मीडिया पर तालिबान के लड़ाकों का एक वीडियो वायरल होने लगा।

‘पैंट परेड’ वीडियो और उसकी खास बातें

इस वीडियो में तालिबान के लड़ाके पाकिस्तान की वर्दी और पैंट पहने हुए मिलते हैं, और वे हंसते-हंसते अपनी वर्दियों को हवा में लहराते दिख रहे हैं। वीडियो में मुस्कुराते चेहरे, ठहाके और हाथ में पकड़ी वर्दी को वे ‘युद्ध की लूट’ बता रहे हैं। इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘Pant Parade’ और #93000 ट्रेंड टैग के साथ वायरल कर रहे हैं।

93000 का नंबर पाकिस्तान के इतिहास में सबसे दर्दनाक प्रतीक है। 1971 में भारत-पाक युद्ध के अंत में, 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण माना जाता है। उस समय पाकिस्तान के लिए यह हार का प्रतीक बन गई, और आज उस जख्म को सोशल मीडिया पर फिर से कुरेदते हुए अफगान यूजर्स ने इसे ‘93,000 पैंट समारोह 2.0’ कहकर मज़ाक उड़ाया है।

वीडियो वायरल होने के बाद, अफगान सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर (अब X) और इंस्टाग्राम पर तीखे तंज कसे। किसी ने लिखा, “पहले भारत ने पाकिस्तान की इज्जत उतारी, अब अफगानिस्तान ने उसकी वर्दी।” तो किसी ने कहा, “93,000 का इतिहास अब सिर्फ 93,000 पैंट में बदल गया।” यह ट्रेंड पाकिस्तान के लिए ना तो हंसी का विषय है, बल्कि उसकी बेइज्जती का नया रूप बन चुका है।

भारत का नाम क्यों आया बीच में?

इस वायरल ट्रेंड में भारत का नाम भी शामिल हो गया है। कई अफगान यूजर्स ने भारतीय जनरल अरोड़ा की तस्वीरें शेयर कर कहा कि “1971 का विजेता” और “2025 का गवाह” भारत है। विश्लेषकों का मानना है कि तालिबान यह दिखाना चाहता है कि अब वह पाकिस्तान का ‘स्ट्रैटेजिक एसेट’ नहीं, बल्कि एक ‘स्वतंत्र शक्ति’ है। यानी, तालिबान अब पाकिस्तान की शर्तों पर नहीं चलता, बल्कि अपनी नई ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।

हालांकि दोनों पक्ष कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता से युद्धविराम मान चुके हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर यह लड़ाई जारी है। तालिबान अब मीम्स और वीडियोज से पाकिस्तान को चिढ़ा रहा है, और पाकिस्तान की जनता अपने ही सैनिकों पर सवाल उठा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स इसे “राष्ट्रीय अपमान” करार दे रही हैं, तो वहीं अफगान पक्ष इसे “पाकिस्तान की अहंकार की हार” कहते हुए दिखाते हैं।

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