टीबी मुक्त भारत के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं जिलों के अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की
मुख्यमंत्री ने कहा- आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकत्री घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं
बोले मुख्यमंत्री- जनभागीदारी के माध्यम से क्षय उन्मूलन अभियान को आंदोलन बनाना है
मुख्यमंत्री का निर्देश- मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव स्तर पर टीबी उन्मूलन अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समीक्षा की जाए
मुख्यमंत्री ने जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की त्रिस्तरीय कमेटी के गठन का दिया निर्देश
बोले मुख्यमंत्री- टीबी उन्मूलन अभियान को और प्रभावी और बेहतर मॉनिटिरिंग के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाए
निःक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा- पायलेट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जनपदों में चलाए गए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के परिणाम संतोषजनक है
मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश- प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चलाएं टीबी उन्मूलन का वृहद अभियान
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीबी मुक्त भारत के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं जिलों के अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस दौरान उनके समक्ष राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के संबंध के एक प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोविड-19 प्रबंधन पूरे देश में मॉडल बनकर उभरा था, जिसकी सराहना पूरे विश्व में हुई थी। उसी प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाएं। इसके लिए आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकत्री घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश के समक्ष वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। इसके तहत देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने कारण उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में चलाए गए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के परिणाम संतोषजनक है। इसको देखते हुए इस विशेष अभियान को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चलाएं। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से क्षय उन्मूलन अभियान को आंदोलन बनाना है। अतः जनभागीदारी बढ़ाने हेतु प्रभावशाली व्यक्तियों, भूतपूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, भूतपूर्व कुलपति इत्यादि धार्मिक नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, टीबी विजेताओं (टीबी से सफलतापूर्वक ठीक हुए रोगी), निःक्षय मित्रों तथा निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के स्तर पर एक पत्र भेजकर सभी मंत्रीगढ़ों, सांसदों, विधायकों सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधियों को टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी अपील की जाए ताकि टीबी जैसी गंभीर बीमारी का समून उन्मूलन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव स्तर पर इस अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समीक्षा की जाए। उन्होंने इस अभियान के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की एक त्रिस्तरीय कमेटी के गठन का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि यह कमेटी इस अभियान की नियमित समीक्षा करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीबी की जांच की सुविधाओं में हुई बढ़ोत्तरी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में टीबी नोटीफिकेशन 4.46 लाख से बढ़कर आज 6.59 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत रोगियों के पोषण हेतु उनके खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से वर्ष 2018 से दिसम्बर 2024 तक लगभग 36 लाख रोगियों को रू0 766 करोड़ धनराशि पहुंचाई गई है। टीबी उपचार की सफलता दर 79% (वर्ष 2017) से बढ़कर 91.5% (वर्ष 2024) हो गई है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस अभियान में निःक्षय मित्रों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत निःक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें। इसमें प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधिगण, उद्यमी एवं समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को लोगों को जोड़ें, जो निःक्षय मित्र बनकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि इस अभियान को और प्रभावी और बेहतर मॉनिटिरिंग के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे टीबी उन्मूलन को लेकर चल रही गतिविधियों को प्रतिदिन अपडेट किया जाए। इसके अलावा सीएम निर्देशित करते हुए कहा कि, मोबाइल मेडिकल बैन, मोबाइल ट्रू नेट मशीन, मोबाइल एक्स-रे मशीनों की यूनिट को बढ़ाया जाए जिससे जांच और स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके, इसमें सीएसआर का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, श्रम सेवा व गृह एवं कारागार विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ करें समन्वय बनाकर टीबी उन्मूलन के अभियान को तेजी के साथ आगे बढ़ाएं।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।