तहव्वुर राणा के वकील ने की थी प्रत्यर्पण रोकने की जी-तोड़ कोशिश, इस तरह खुल गई पोल

-अमेरिका के विदेश मंत्री और वकील के बीच हुई बातचीत से हुआ खुलासा

नई दिल्ली । अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और मुंबई आतंकवादी हमले के ‘मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के वकील जॉन डी. क्लाइन के बीच ईमेल पर जनवरी में हुई बातचीत के दौरान राणा के वकील ने उसके प्रत्यर्पण को रोकने की पूरी कोशिश की थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण की अनुमति दिए जाने के बाद राणा के वकील ने स्वास्थ्य और भारत में यातना का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण रोकने की अपील की थी।

अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से साफ कहा गया है कि भारत संयुक्त राष्ट्र की एंटी-टॉर्चर संधि का पालन करता है और इन बहानों को गंभीरता से नहीं लिया गया। ईमेल ट्रेल के आखिरी दो पन्नों में रुबियो के ऑफिस की ओर से राणा के वकील को प्रत्यर्पण रोकने की अपील पर असहमति जताई गई। बता दें अमेरिका से लाए जाने के बाद राणा को दिल्ली की एक कोर्ट ने एनआईए की 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद उसे एनआईए मुख्यालय लाया गया। जहां राणा से 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बारे में पूछताछ की जा रही है। राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिस पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने का आरोप है, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी।

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