आखिरी कोशिश भी नाकाम, तहव्वुर राणा को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से झटका, जल्द आएगा मुंबई

Tahawwur Rana extradition : मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा की आखिरी अर्जी भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी। अब जल्द ही तहव्वुर राणा को अमेरिका भारत भेजेगा।

दरअसल, भारतीय अधिकारियों द्वारा तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है। राणा ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि उसे भारत भेजे जाने पर वहां उसे प्रताड़ना का सामना करना पड़ेगा और उसकी जिंदा रहने की संभावना बेहद कम होगी।

राणा का दावा- भारत में किया जाएगा प्रताड़ित

तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में कहा था कि वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसने कहा था कि चूंकि वह मुसलमान है और पाकिस्तानी मूल का है, इसलिए उसे भारत में प्रताड़ित किया जाएगा। राणा ने यह भी कहा कि भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए उसकी शारीरिक स्थिति के कारण उसकी जिंदा रहने की संभावना कम है। वह अपनी गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए यह बताने की कोशिश कर रहा था कि उसे भारत में न्यायिक प्रक्रिया के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान होगा।

याचिका में राणा ने यह भी कहा था कि अगर उसके प्रत्यर्पण पर रोक नहीं लगाई गई, तो उसकी पूरी याचिका पर कोई गंभीर समीक्षा नहीं हो सकेगी। उसने यह दावा किया कि भारत में प्रत्यर्पण के बाद उसे यातना का सामना करना पड़ सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन होगा।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा को दिया झटका

हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने इस मामले में किसी तरह की राहत देने से इंकार किया, जिससे राणा को अपनी कानूनी लड़ाई में एक और बड़ा झटका लगा है। इससे पहले जनवरी में भी अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी।

राणा का आतंकवादी कनेक्शन और भूमिका

राणा, जो फिलहाल लास एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद है, पर आरोप है कि उसने 26/11 के मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। राणा ने अपने सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली (जिसे दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है) के साथ मिलकर इन हमलों की योजना बनाई थी। हेडली, जो एक अमेरिकी नागरिक था और उसके माता-पिता पाकिस्तानी थे, मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। राणा और हेडली ने भारतीय तटों पर आतंकी हमले की योजना बनाई और इस हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने भारत द्वारा मांग की गई तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। ट्रंप ने इसे “भारत में न्याय का सामना करने” के संदर्भ में महत्वपूर्ण कदम बताया था। उनके प्रशासन ने राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारतीय जांच एजेंसियों को सहयोग देने का फैसला किया था।

तहव्वुर राणा की याचिका के खारिज होने से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिकी न्याय व्यवस्था ने भारत में उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। अब राणा को भारत में अपने अपराधों के लिए न्याय का सामना करना होगा, और उसकी कानूनी लड़ाई में आने वाले समय में और अधिक चुनौतियाँ आ सकती हैं।


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