ईश्वर में अनुरक्ति ही वास्तविक भक्ति है: माता सुदीक्षा
भास्कर समाचार सेवा काशीपुर। ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरांत हृदय में जब भक्त और भगवान का नाता जुड़ जाता है, तभी वास्तविक रूप में भक्ति का आरंभ होता है। हमें स्वयं को इसी मार्ग की ओर अग्रसर करना है, जहां भक्त और भगवान का मिलन होता है। यह उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज द्वारा वर्चुअल … Read more










