दृढ़ संकल्प और नेक नीयत से ही हिंदी बनेगी राष्ट्रभाषा

भारत संभवतः दुनिया का अकेला देश होगा, जिसकी अधिकारिक रूप से कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। हम आज एक बड़ी आर्थिक शक्ति हैं, लेकिन राष्ट्रभाषा के मामले में बहुत गरीब हैं। आश्चर्य कि संसद की कार्यवाही के लिए भी अनेक भाषाएं हैं और संविधान की 26वीं अनुसूची में कई क्षेत्रीय भाषाएं भी दर्ज हैं, लेकिन आज … Read more

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