SWOP Report : भारत में 1.46 अरब की जनसंख्या वाली रिपोर्ट ने चौंकाया! लोग बढ़ रहें पर बच्चे कम पैदा हो रहें

India Population 2025 : भारत में जनसंख्या को लेकर समय-समय पर चर्चा का विषय बनता रहा है। भारत सरकार ने देश में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए वन फैमिली टू चाइल्ड पॉलिसी यानी हम दो और हमारे दो के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया। जिसके तहत भारत में वर्तमान समय में कई परिवार तो एक बच्चे की फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं। इस तरह की फैमिली प्लानिंग के जरिए भारत सरकार देश को आर्थिक व्यवस्थाओं के सांचे में ढालने के लिए बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की SWOP Report ने भारत को भी चौंका दिया है।

दरअसल, भारतीय जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एसडब्ल्यूओपी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत की जनसंख्या तो बढ़ी है और लेकिन नए बच्चे पैदा करने का रेट स्थिर है।

Report से चौंका भारत 

भारत में लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है। भारत सरकार जनसंख्या को कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इधर, संयुक्त राष्ट्र (UN Report) की ‘विश्व जनसंख्या स्थिति (SWOP) रिपोर्ट 2025’ में भारत की जनसंख्या को लेकर चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया हैं कि भारत की जनसंख्या के भीतर एक बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। जिसमें बताया गया है कि देश के कुल लोगों की जनसंख्या तो बढ़ रही है, लेकिन देश की प्रजनन दर घटकर 1.9 (प्रति महिला) रह गई है, जो प्रतिस्थापन दर (2.1) से कम है। ये आंकड़े देश के लिए बेहद ही डराने वाले हैं।

Birth Rate से ज्यादा हैं ‘प्रत्यास्थापन स्तर’

भारत में प्रत्यास्थापन लगातार जारी है। जिससे ‘प्रत्यास्थापन स्तर’ काफ़ी नीचे गिर गया है। यहां  ‘प्रत्यास्थापन स्तर’ का मतलब है कि देश से जितने लोग जा रहें हैं, उतने लोग देश के अंदर पैदा नहीं हो रहें। UN Report) की ‘विश्व जनसंख्या स्थिति (SWOP) रिपोर्ट 2025’ में बताया गया है कि भारत की कुल जनसंख्या 1.46 अरब तक पहुँच चुकी हैं। इसके बाद भी कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) अब 1.9 पर आ गई है। जबकि स्थायी जनसंख्या के लिए इसे कम से कम 2.1 होना चाहिए। यानी देश में प्रत्यास्थापन के जरिए जनसंख्या में बदलाव हो रहा है। महिलाएं कम बच्चे पैदा कर रहीं है। इस कारण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आबादी को स्थिर नहीं है बल्कि असंतुलित हो चुका हैं।

भारत में बच्चे पैदा न करने का संकट 

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वास्तविक प्रजनन संकट’ गहरा रहा है। भारत में ज्यादातर लोग बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं हो पा रहें हैं। या तो वो जितने बच्चे पैदा करना चाहते हैं, उस लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पा रहें या फिर बच्चे पैदा करने में महिलाओं को दिक्क़तें आ रहीं है।

UN Report में बताया गया कि भारत में अभी भी युवा जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है:

0-14 वर्ष: 24%
10-19 वर्ष: 17%
10-24 वर्ष: 26%
15-64 वर्ष (कामकाजी उम्र): 68%

भारत में महिलाएं क्यों नहीं पैदा कर पा रहीं अधिक बच्चे?

भारत में ये कहा जा सकता है क़ि देश तो जवान है लेकिन प्रजनन क्षमता कम हो गई है। इसके कई कारण हैं, जैसे आधुनिक भारत में महिलाएं शिक्षित और वर्किंग वुमन हैं, जिससे वो अधिक बच्चे पैदा करने में संकोची होती जा रहीं हैं। इसका एक और कारण भी है, वह यह कि अब भारत में महिलाएं अधिक उम्र (30-40 वर्ष) में विवाह कर रहीं हैं, इससे बच्चे पैदा करने में महिलाओं को कठिनाई होती है। वहीं, कुछ दंपती आर्थिक चिंताओं से ग्रसित होते हैं इस कारण भी बच्चे प्लान ही नहीं करते हैं। 

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