बंगाल में निलंबित TMC विधायक हुमायूं ने रखी बाबरी की नींव, लाखों की भीड़ जुटी…देखें तस्वीरें

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में TMC से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने शनिवार को अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनने वाली मस्जिद की आधारशिला रखी। कबीर ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंच पर मौलवियों के साथ फीता काटकर औपचारिकता पूरी की।

इस दौरान नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर के नारे लगाए गए। कार्यक्रम में 2 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटी। बंगाल के अलग-अलग जिलों से आए लोगों में कोई अपने सिर, कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली तो कोई रिक्शा या वैन से ईंट लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा था।

कार्यक्रम को लेकर बेलडांगा समेत आसपास का इलाका आज सुबह से हाई अलर्ट पर है। बेलडांगा और उसके आसपास सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 19 टीमें, रैपिड एक्शन फोर्स, बीएसएफ, स्थानीय पुलिस की कई टीमों समेत 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

हुमायूं कबीर ने 25 नवंबर को कहा था कि वे 6 दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के 33 साल पूरे होने पर बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखेंगे। TMC ने 4 दिसंबर को हुमायूं कबीर को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।

कार्यक्रम की 7 तस्वीरें…

निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंच पर मौलवियों के साथ फीता काटा।

निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंच पर मौलवियों के साथ फीता काटा।

मस्जिद निर्माण के लिए शनिवार सुबह से लाखों लोग अपने साथ ईंट लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।

मस्जिद निर्माण के लिए शनिवार सुबह से लाखों लोग अपने साथ ईंट लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।

हुमायूं कबीर ने स्टेज से लोगों को संबोधित किया। मंच पर भी बैकग्राउंड में बाबरी मस्जिद लिखा था।

हुमायूं कबीर ने स्टेज से लोगों को संबोधित किया। मंच पर भी बैकग्राउंड में बाबरी मस्जिद लिखा था।

मस्जिद निर्माण स्थल पर मालदा सहित कई जिलों से कंस्ट्रक्शन सामान लदे 100 से ज्यादा ट्रैक्टर पहुंचे।

मस्जिद निर्माण स्थल पर मालदा सहित कई जिलों से कंस्ट्रक्शन सामान लदे 100 से ज्यादा ट्रैक्टर पहुंचे।

बेलडांगा में जगह-जगह बाबरी मस्जिद शिलान्यास के पोस्टर लगाए गए हैं।

बेलडांगा में जगह-जगह बाबरी मस्जिद शिलान्यास के पोस्टर लगाए गए हैं।

बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए लोगों से कार्यक्रम स्थल पर चंदा भी इकट्ठा किया गया।

बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए लोगों से कार्यक्रम स्थल पर चंदा भी इकट्ठा किया गया।

कार्यक्रम के चलते मुर्शिदाबाद जिले में 3 हजार से ज्यादा सुरक्षाबल की तैनाती की गई है।

कार्यक्रम के चलते मुर्शिदाबाद जिले में 3 हजार से ज्यादा सुरक्षाबल की तैनाती की गई है।

हुमायूं कबीर बोले- मस्जिद निर्माण रोकने की साजिशें रची गईं

कार्यक्रम से पहले हुमायूं कबीर ने शनिवार को कहा था कि हिंसा भड़काकर कार्यक्रम को बाधित करने की साजिशें रची जा रही हैं, लेकिन मैं बेलडांगा में मस्जिद की नींव रखूंगा। कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती। हम कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे।

हाईकोर्ट ने मस्जिद निर्माण पर रोक से इनकार किया था

कोलकाता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मस्जिद निर्माण पर रोक लगाने से इनकार किया था। कोर्ट ने कहा- कार्यक्रम के दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हुमायूं कबीर ने मस्जिद की नींव रखी।

सऊदी से धार्मिक नेता पहुंचे, 150 फीट लंबा स्टेज तैयार हुआ

बारी मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम में सऊदी अरब से धार्मिक नेता पहुंचे थे। 25 बीघा जमीन पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। हुमायूं कबीर ने पहले ही 3 लाख से ज्यादा लोगों के जुटने का अनुमान जताया था।

कार्यक्रम के लिए 150 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा स्टेज तैयार किया गया था। स्टेज पर 400 से ज्यादा लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में आने वाले लोगों के लिए 60 हजार से ज्यादा बिरयानी पैकेट तैयार कराए गए थे। 2 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स ने व्यवस्था को संभाला।

भाजपा बोली- यह मुलिम वोट बैंक खींचने की राजनीति

भाजपा नेता दिलीप घोष ने मुर्शिदाबाद में बाबरी के नाम पर मस्जिद के शिलान्यास पर कहा- जनता उन लोगों को पहचानने लगी हैं जो राजनीतिक लाभ के लिए मुसलमानों को गुमराह करते हैं। TMC और हुमायूं कबीर के बीच तालमेल है। यह मुलिम वोट बैंक खींचने की राजनीति है।

सीनियर भाजपा नेता अमित मालवीय ने X पर लिखा- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आग से खेल रही हैं। ममता मुस्लिम भावनाओं का ध्रुवीकरण करने के लिए हुमायूं कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं। बेलडांगा राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यहां झड़पों का एक लंबा और अशांत इतिहास रहा है। यहां अशांति फैली, तो राज्य की आंतरिक एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

मुर्शिदाबाद बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद की टाइमलाइन…

28 नवंबर: मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में कई जगहों पर बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के पोस्टर नजर आए। लिखा था- 6 दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास समारोह होगा। पोस्टर पर हुमायूं कबीर को आयोजनकर्ता बताया गया था। इसके बाद विवाद बढ़ गया था। बीजेपी ने इसका विरोध किया, वहीं कांग्रेस नेताओं ने इसका समर्थन किया।

3 दिसंबर: TMC ने मामले से खुद को अलग किया। बयान में कहा कि- कबीर की इस घोषणा से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। एक और पार्टी नेता ने कहा- हुमायूं कबीर ने यह विवाद इसलिए खड़ा किया है ताकी उन्हें रेठनगर सीट से विधानसभा चुनाव में टिकट मिल सके। हुमांयु वर्तमान में मुर्शिदाबाद की भरतपुर सीट से विधायक हैं।

4 दिसंबर: मामला बढ़ता देखा TMC ने विधायक हुमायूं कबीर को सस्पेंड कर दिया। कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने कहा- पार्टी सांप्रदायिक राजनीति में विश्वास नहीं करती। पार्टी एक्शन पर हुमायूं ने कहा- मैं अपने बाबरी मस्जिद वाले बयान पर कायम हूं। 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी की भी घोषणा करूंगा। विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा। मैं उन दोनों (TMC और भाजपा) के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा।

अयोध्या में बाबरी विध्वंस की टाइमलाइन (1992-2025), 6 पॉइंट्स

1992- 6 दिसंबर को अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी विवादित ढांचे को कार सेवकों ने ध्वस्त कर दिया था।

2003- आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की रिपोर्ट में बाबरी ढांचे वाली जगह पर मंदिरनुमा संरचना मिलने का दावा किया गया। मुस्लिम पक्ष ने इसे चुनौती दी।

2010- 30 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया, जिसमें विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

2019- 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित जमीन रामलला की जन्मभूमि है। मुस्लिम पक्ष को बाबरी ढांचे के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।

2020- 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया।

2024- 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। रामलला के गर्भगृह के दर्शन औपचारिक रूप से शुरू हुए।

6 साल बाद भी प्रस्तावित मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं हुआ

2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर से करीब 25 किमी दूर, अयोध्या में सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मुस्लिम पक्ष को 5-एकड़ की वैकल्पिक जमीन आवंटित की गई थी। हालांकि, अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है।

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) के अनुसार, प्रस्तावित जमीन पर मस्जिद और सामुदायिक सुविधाओं का निर्माण प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) की तरफ से मस्जिद के लेआउट प्लान को मंजूरी नहीं मिली है। यानी सरकारी विभागों ने NOC नहीं दी है।

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