
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को लेकर आज सुनवाई का दूसरा दिन था। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने की। देशभर में वक्फ कानून के खिलाफ 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि वक्फ कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं, इसलिए इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड और काउंसिल में मौजूदा समय में कोई नई नियुक्तियों पर रोक लगाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी। इस दौरान, कोई नया बदलाव नहीं होगा और न ही नई नियुक्तियां की जाएंगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में आश्वासन दिया कि सरकार किसी भी प्रकार की नियुक्ति नहीं करेगी और कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।
अदालत ने इस मामले में मौजूदा स्थिति में बदलाव को रोकने के साथ ही वक्फ बाय यूजर में भी कोई संशोधन नहीं होगा।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सुनवाई के लिए मुख्य पांच आपत्तियों को ही उठाया जाएगा। बेंच ने कहा कि 110-120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं है, इसलिए नोडल काउंसिल के माध्यम से आपत्तियों को तय किया जाएगा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।