‘सिक्स सेंस से सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला’, रेप केस में सजा काट रहे व्यक्ति को कर दिया रिहा

MP : रेप केस में जेल की सजा काट रहे एक व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने ‘छठी इंद्री’ के आधार पर फैसला लिया है। कोर्ट का कहना है कि आरोपी और पीड़िता ने सहमति से संबंध बनाए थे, लेकिन रिश्ते में खटास आने के बाद पीड़िता ने युवक पर झूठा आरोप लगा दिया और उसे 10 साल की सजा सुना दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और पीड़िता समेत दोनों के परिवार से भी बातचीत की। दोनों का विवाह हो चुका है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह सजा रद करते हुए केस समाप्त करने का फैसला किया है।

9 महीने बाद आया फैसला

आरोपी मध्य प्रदेश की जेल में बंद था। सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे, ने एमपी पुलिस को आदेश दिया कि आरोपी को पुलिस सुरक्षा में सुप्रीम कोर्ट लाया जाए। हालांकि, इस मामले की सुनवाई में 9 महीने का लंबा समय लग गया। कोर्ट ने मार्च में नोटिस जारी किया था और अब दिसंबर में इस पर फैसला आया है। इस बीच आरोपी और पीड़िता ने शादी कर ली है।

हाईकोर्ट से नहीं मिली थी जमानत

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, यह एक अनोखा मामला है। आरोपी ने अपनी सजा खत्म करने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां छठी इंद्री के आधार पर इस नतीजे पर पहुंचा गया कि आरोपी और पीड़िता साथ रह सकते हैं।

कपल ने की शादी

बता दें कि आरोपी और पीड़िता से बातचीत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में जमानत याचिका पर मुहर लगाई थी, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली। अब, जब अदालत ने इस मामले की सुनवाई की तो पता चला कि दोनों खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे में अदालत ने केस रद करने का फैसला सुनाया है।

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