अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स, 9 माह से ऐसे बिता रहीं समय…

Seema Pal

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में पिछले नौ माह से फंसी पड़ी हुई हैं। अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स के लिए समय बिताना काफी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। एक वीडियो में देखा गया है कि सुनीता काफी कमजोर पड़ गई है। नासा उनके वापस धरती में आने के लिए बार-बार नई तारीखों का एलान कर रहा है। लेकिन अभी तक सुनीता के वापस आने की कोई तारीख सुनिश्चित नहीं है। ऐसे में सुनीता विलियम्स के परिजन उनकी हेल्थ को लेकर चिंतित है।

अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स की यात्रा 9 महीने की हो चुकी है। अंतरिक्ष में वह 62 घंटे तक स्पेसवॉक और 900 घंटे से रिसर्च कर रही है। अंतरिक्ष में रहते हुए उन्होंने कई वैज्ञानिक रिसर्च किए हैं। जिनमें मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव, जैविक और शारीरिक प्रक्रियाओं और अंतरिक्ष में जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की खोज शामिल है।

4 स्पेसवॉक में सुनीता विलियम्स ने की अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत

बता दें कि अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स ने चार स्पेसवॉक किए हैं। जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत और रख-रखाव का काम किया। लेकिन स्पेसवॉक में सुनीता के लिए जीवन चुनौतीपूर्ण बनता दिख रहा है। यहां पर अंतरिक्ष यात्रियों को विशेष सूट पहनकर काम करना पड़ता है। सुनीता भी एक विशेष सूट को पहनकर रोजाना के काम कर रही हैं। वह सुबह का नाश्ता करने के बाद स्टेशन की साफ-सफाई में लग जाती है।

स्पेस में सुनीता विलियम्स करती हैं रोज व्यायाम

दरअसल, अंतरिक्ष में ग्रैविटेशनल फोर्स नहीं होता है। जिससे अंतरिक्ष यात्रियों के मांसपेशियों और हड्डियों पर असर पड़ता है। इसलिए स्पेस में सुनीता विलियम्स हर दो घंटे तक व्यायाम करते हैं। जिसमें ट्रेडमिल, बाइक और वजन उठाने वाले उपकरणों के व्यायाम शामिल हैं।

अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता को पृथ्वी पर अपने मिशन नियंत्रकों और वैज्ञानिकों के साथ नियमित रूप से संपर्क करना पड़ता था। वे अपनी यात्रा के दौरान वीडियो कॉल, ईमेल और अन्य माध्यमों से वैज्ञानिक परिणामों और अपने अनुभवों को साझा करती थीं। इसके अलावा, वे अपने मिशन के दौरान की गतिविधियों और विचारों का दस्तावेज भी बनाती थीं।

अंतरिक्ष में लंबी अवधि तक रहना मानसिक रूप से कठिन हो सकता है, इसलिए सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्री अपने मन को प्रसन्न रखने के लिए किताबें पढ़ने, संगीत सुनने, या फिल्में देखने का समय भी निकालते थे। इसके अलावा, वे पृथ्वी से प्राप्त वीडियो और चित्रों को देखकर अपने घर और परिवार को याद करते थे।

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