उमर अब्दुल्ला पर झूठ फैलाने और जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य के दर्जे को लेकर गुमराह करने का सुनील शर्मा ने लगाया आरोप

श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील शर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर तीखा हमला बोला और उन पर झूठ फैलाने और जम्मू-कश्मीर के लोगों को शासन और राज्य के दर्जे को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुनील शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए ठोस और निरंतर कदम उठा रही है जबकि मुख्यमंत्री ने छल की राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया है।

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए करोड़ों रुपये जारी करने का आदेश दिया है जो केंद्र सरकार की कृषक समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू-कश्मीर के किसानों तक राहत सामग्री पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा मनरेगा निधि और तत्काल सहायता भी तुरंत स्वीकृत की गई लेकिन उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार सत्ता में रहते हुए कोई भी समानांतर कदम उठाने में विफल रही।

शर्मा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने कभी राहत प्रदान नहीं की और न ही समय पर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि अब भी वह मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करने के बजाय लोगों को गुमराह करने में व्यस्त हैं।

भाजपा नेता ने बताया कि केवल एक वर्ष में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए कई पहल की हैं जिनमें केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 5000 करोड़ और सड़क एवं बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के लिए 1000 करोड़ शामिल हैं। उन्होंने उमर पर यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि वर्तमान प्रशासन के पास शक्ति का अभाव है।

शर्मा ने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर सरकार के पास कोई अधिकार नहीं होने का दावा निराधार है। उपराज्यपाल ने कैबिनेट के 86 फैसलों में से 79 को मंजूरी दी है तो फिर अधिकारों की कमी कहाँ है।

उमर अब्दुल्ला की बार-बार राज्य का दर्जा माँगने को राजनीतिक छलावा बताते हुए शर्मा ने कहा कि 2008 से 2016 तक उमर के पास पूर्ण राज्य का दर्जा और असीमित शक्ति थी। फिर उन्होंने क्या किया। वह नागरिकों की रक्षा करने, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और आतंकवादियों को मारने में विफल रहे। अब वह राज्य के नारे के पीछे छिप रहे हैं।

शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने व्यावसायिक नियमों का उल्लंघन किया और संस्थागत प्रक्रियाओं की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि एसकेआईएमएस और अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ भी गलत व्यवहार किया गया। फाइलें अटकी रहीं और महाधिवक्ता कार्यालय की अनदेखी की गई। यही विरासत उमर अब्दुल्ला ने छोड़ी है।

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