
Saharanpur, Sultanpur : सुलतानपुर के बहुचर्चित दिवानी न्यायालय अधिवक्ता आज़ाद अहमद हत्याकांड में वांछित और एक लाख रुपये का इनामी बदमाश सिराज अहमद का अंत हो गया। एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से घायल सिराज का अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मुठभेड़ गंगोह थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात हुई।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के लोलेपुर गांव निवासी सिराज अहमद किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में पंजाब–हरियाणा बॉर्डर से होकर सहारनपुर पहुंचा है। सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने गंगोह क्षेत्र में घेराबंदी की। खुद को घिरता देख सिराज ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि 8 अगस्त 2023 की शाम सुलतानपुर दिवानी न्यायालय के अधिवक्ता आज़ाद अहमद की सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज वारदात से पूरे जिले में हड़कंप मच गया था। पुलिस जांच में हत्या का मुख्य आरोपी सिराज अहमद सामने आया था, जो तब से फरार चल रहा था। गिरफ्तारी न होने पर उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और उसकी तलाश में एसटीएफ को लगाया गया था।
फरारी के दौरान मार्च 2025 में न्यायालय के आदेश पर सिराज की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की गई थीं। इसके बावजूद वह लगातार आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रहा।
मुठभेड़ स्थल से एसटीएफ ने एक मोटरसाइकिल, दो पिस्टल, भारी मात्रा में जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस, चार मोबाइल फोन, दो वाई-फाई डोंगल, एक छोटा बैग और आधार कार्ड समेत अन्य कागजात बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार सिराज अहमद का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा रहा है। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हत्या, हत्या के प्रयास और रासुका जैसी गंभीर धाराओं में करीब 30 मुकदमे दर्ज थे।
इस संबंध में कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि सहारनपुर में मुठभेड़ के दौरान सिराज के घायल होने और बाद में मौत की पुष्टि हुई है। उसका आपराधिक इतिहास पहले ही एसटीएफ के साथ साझा किया जा चुका था। पुलिस अब उसके नेटवर्क और अन्य सहयोगियों की जानकारी जुटाने में लगी है।












