सुल्तानपुर: समाज कल्याण अधिकारी से 3.60 लाख रुपए की होगी वसूली

सुल्तानपुर। समाज कल्याण विभाग में सेवा प्रदाता द्वारा नियुक्त किए गए करीब आठ कम्प्यूटर डाटा ऑपरेटरों एवं अन्य कार्मिकों के खातों में निर्धारित मानदेय(वेतन) से ज्यादा भेजने के मामले में पूर्व मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स द्वारा वरिष्ठ कोषाधिकारी वरुण खरे की अध्यक्षता में सदस्य के रूप में शामिल वित्त एवं लेखाधिकारी प्रशांत कुमार चतुर्वेदी एवं संपरीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार की जांच में दोषी पाए गए। जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह पर वसूली (रिकबरी) की कार्यवाही बहुत जल्द अमल में आएगी। उनके सिर पर तकरीबन तीन लाख 60 हजार रुपए की रिकबरी की तलवार लटक रही है।

शासन से मनाही के बाद भी डाटा ऑपरेटरों के खातों में भेजा गया बढ़ा हुआ वेतन

सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का दावा करती हो, लेकिन अफसर पुराने ढर्रे से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। सरकार लाख प्रयास कर ले, लेकिन अफसर हैं कि घपले-घोटाले के बीच जीने के आदी हो गए हैं। जिले के जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा शासनादेश के विपरीत सेवा प्रदाता द्वारा नियुक्त किए गए 8 कम्प्यूटर डाटा ऑपरेटरों एवं अन्य कार्मिकों के एकाउंट में करीब तीन लाख 60 हजार रुपए ज्यादा भेज दिए।

यह खुलासा पूर्व मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स द्वारा गठित संयुक्त जांच टीम द्वारा की गई जांच से सामने आया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला समाज कल्याण अधिकारी ने डाटा कम्प्यूटर ऑपरेटरों एवं अन्य कार्मिकों को बढ़े हुए वेतन देने की मंजूरी के लिए शासन को एक चिट्ठी भेजी गई थी। जिसमें उन्होंने प्रमुख सचिव समाज कल्याण से कम्प्यूटर ऑपरेटरों को 16 हजार 700 रुपए वेतन देने की अनुमति मांगी थी।

लेकिन शासन ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया था और कहा कि किसी कर्मचारी के वेतन को बढ़ाने और कम करने का सीधा अधिकार प्राप्त नहीं है। बताया जा रहा है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा शासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी डाटा ऑपरेटरों एवं अन्य कार्मिकों को मार्च 2022 तक 16 हजार 700 रुपये प्रति माह के हिसाब से वेतन उनके खातों में भेजा जाता रहा।

गौरतलब है कि उस समय तक डाटा ऑपरेटरों को प्रति माह मात्र 10 हजार रुपए ही वेतन देय था।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी बीपी वर्मा की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। विभागीय सूत्रों पर भरोसा करें तो वरिष्ठ कोषाधिकारी वरूण खरे की अध्यक्षता में गठित संयुक्त टीम की जांच में जिला प्रोबेशन अधिकारी भी दोषी पाए गए हैं। इस संबंध में जिला वित्त एवं लेखाधिकारी प्रशांत चतुर्वेदी ने कहा कि वरिष्ठ कोषाधिकारी वरुण खरे की अध्यक्षता में गठित टीम द्वारा इसकी जांच हुई थी। जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित सिंह एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी बीपी वर्मा दोषी पाये गये हैं। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ बहुत जल्द ही वसूली की कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें