
- बिजथुआ महोत्सव के तीसरे दिन रामभद्राचार्य ने वाल्मीकि रामायण का किया व्याख्यान, बोले — ‘राम नाम ही जीवन का सार’
Sultanpur : सुल्तानपुर चल रहे भव्य बिजथुआ महोत्सव के तृतीय दिवस पर रविवार को कथा व्यास जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं को वाल्मीकि रामायण की अमृतमयी कथा सुनाई। उन्होंने श्रीराम के आदर्श चरित्र, मर्यादा और भक्ति की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “राम नाम ही जीवन का सार है, जो इसे जपता है, वही सच्चे अर्थों में मुक्त होता है।”
स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान वाल्मीकि रामायण की प्रसिद्ध चौपाई —
“रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥”
का पाठ करते हुए उसका अर्थ समझाया। उन्होंने कहा कि यह चौपाई केवल स्तुति नहीं, बल्कि भक्ति का महामंत्र है, जो हर भक्त के जीवन में शांति, पवित्रता और समर्पण का भाव जगाता है।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि “रामायण केवल ग्रंथ नहीं, यह जीवन जीने की कला है। जो व्यक्ति इसका अनुसरण करता है, उसके भीतर से अंधकार मिट जाता है।” उनके प्रवचन के दौरान उपस्थित श्रद्धालु “जय श्रीराम” के उद्घोष से वातावरण को गुंजायमान करते रहे।
महोत्सव स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजन समिति ने भक्तों के लिए प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था की थी। मंच से रामभद्राचार्य के प्रवचन का सीधा प्रसारण भी किया गया।
कथा से पूर्व गायक बंधना दूबे एवं सपना शर्मा के अदभुत प्रस्तुति बिजथुआ नाथ के चरणों में समर्पित करते हुए
सजा दो घर को गुलशन सा ,मेरे सरकार आए है ।।
मेरी झोपड़ी के भाग खुल जाएंगे ,राम आएंगे ।। की चौपाइयों पर श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए ।
आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक राजेश गौतम, अम्बरीष मिश्र , डा सुरेन्द्र तिवारी , डा रत्नेश तिवारी ,विजय धर मिश्र , रितेश दूबे , जगदम्बा उपाध्याय, विवेक उर्फ डब्बू उपाध्याय , प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्र सहित तमाम संभ्रांत लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के आयोजक विवेक तिवारी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।