Sultanpur : नगर पालिका की कार्यवाही पर उठे सवाल, व्यापारियों से बदसलूकी और सामान जब्त करने का आरोप

Sultanpur : नगर पालिका की मनमानी कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बुधवार को शहर में पटरी व फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने निकली टीम ने न केवल व्यापारियों से अभद्रता की, बल्कि कई दुकानों के अंदर रखे सामान को भी जबरन कब्जे में ले लिया। इससे आक्रोशित व्यापारियों ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।

व्यापारियों का कहना है कि नगर पालिका की टीम ने बिना किसी पूर्व सूचना और बिना सीमा रेखा स्पष्ट किए दुकानों से सामान उठवा लिया। कई जगह तो टीम ने दुकान के भीतर से रखा हुआ माल भी जबरन उठा लिया, जब दुकानदारों ने विरोध किया तो पुलिस प्रशासन ने उनसे बदसलूकी की। इस रवैये ने व्यापारियों में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है।

व्यापार मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने की आड़ में व्यापारियों को प्रताड़ित कर रहा है। उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और जब्त किया गया सामान तत्काल वापस किया जाए।

इधर, इस पूरे मामले पर नगरपालिका ईओ लाल चंद्र सरोज ने सफाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा किसी टीम को कार्रवाई के लिए भेजा ही नहीं गया था। ईओ के इस बयान के बाद नगर पालिका की कार्यवाही पर और भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर टीम भेजी किसने और व्यापारियों से जबरन सामान किसके आदेश पर उठवाया गया।

इस बीच, मामले को गंभीरता से लेते हुए पालिका अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि उनका सामान वापस कर दिया जाएगा। हालांकि दूसरी ओर अधिशासी अधिकारी अतिक्रमणकारी व्यापारियों पर जुर्माना लगाने की तैयारी में जुटे हैं।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री हिमांशु मालवीय ने कड़े शब्दों में कहा कि पुलिस-प्रशासन और नगर पालिका की कार्रवाई से जो व्यापारियों को आर्थिक नुकसान और अपमान सहना पड़ा, वह व्यापारी वर्ग कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कई बार कह चुके हैं कि व्यापारियों का सम्मान सर्वोपरि है, क्योंकि व्यापारी ही देश की रीढ़ हैं और उन्हीं से देश चलता है।

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