जयसिंहपुर-सुल्तानपुर । जिन सुविधाओं के लिए लोगों को टैक्स की अदायगी करनी पड़ती है, वह सुविधा ही जर्जर अवस्था में हो तो खर्च पर अफसोस होगा ही। जनपद में आज ऐसे ही सुविधाओं के लिए लोग जेब ढीली करने के लिए मजबूर हैं। मामला जिले से गुजरे टांडा बांदा नेशनल हाइवे का है। जहां हाइवे की टूटी सड़क और गहरे गड्ढों से वाहन चालको को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों से बचने के प्रयास में वाहन चालक एक-दूसरे वाहन से टकरा जाते है, और हादसों का शिकार हो जाते है। वही इस ओर न तो एनएचआई कोई ध्यान दे रहा है और न ही टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी।
जनपद के जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र से गुजरी टांडा बांदा नेशनल हाइवे के अंतर्गत पीढ़ी टोल प्लाजा स्थित है। इस टोल प्लाजा से प्रतिदिन गुजरने वाले वाहनों से टैक्स तो पूरा वसूला जाता है, पर सुविधाएं न के बराबर हैं। जिससे वाहन चालक अपने आप को ठगा महसूस करते है और सुविधा देने के एनएचआई के दावे फेल होते नजर आ रहे है। टांडा-बांदा नेशनल हाइवे की हालत खस्ता है और सड़क गड्ढों में तब्दील है।
खानापूर्ति के लिए सड़को पर पैचवर्क कर गड्ढों को भर दिया गया, लेकिन भारी वाहनों के दबाव के कारण सड़क में फिर से गड्ढे उभर आए। कही-कही तो सड़के ऊंची-नीची और उबड़-खाबड़ हो गई है। जिससे वाहनों की स्पीड पर अंतर पड़ता है और चालको को परेशानी होती है। ऊंची-नीची और उबड़-खाबड़ सड़क से बचने के प्रयास में वाहन चालक एक-दूसरे वाहन से टकरा जाते है और दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है।
वहीं हाइवे पर लगी अधिकांश लाइटे और हाई मास्क लाइट रात्रि में बंद रहती है। जिससे हाइवे पर अंधेरा छाया रहता है और दुर्घटना होने की सम्भावना हमेशा बनी रहती है। टोल देने के बावजूद भी सड़क की यह दयनीय स्थिति को देख वाहन चालक एनएचआई को कोसते नजर आते है। वाहन चालक फेंकू प्रजापति, गोली यादव, अरविंद आदि ने बताया कि एनएचआई की ओर से टोल प्लाजा पर सुविधाओं के साथ ही सड़को की हालत को ठीक नही कराया गया और ऊपर से टोल टैक्स की राशि बड़ा दी गई है जो कि गलत है। टूटी सड़क से वाहनों में काफी नुकसान हो रहा है। साथ ही दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती है। एनएचआई की ओर से सड़को को दुरस्त कराने के बाद ही टोल टैक्स वसूलना चाहिए।
बताते चलें कि टांडा-बांदा नेशनल हाइवे पर कटका खानपुर से लेकर भटमई तक कई ऐसे प्वाइंट हैं जहां पर गड्ढों की भरमार है। भटमई से लेकर पीढ़ी तक सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए है, जबकि पीढ़ी से लेकर सेमरी बायपास तक सड़क की हालत खस्ता है। यह स्थिति अभी की नहीं बनी है बल्कि गत कई माह से यात्री इन सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हैं। बावजूद इसके संबंधित अधिकारी और कंपनी पूरी तरह से आंख बंद किए हुए हैं। एनएचआई के अभियंता सर्वेश ने बताया कि, हां, यह सच है कि सड़क टूटी फूटी है। लोगों को यातायात और आवागमन में बहुत कठिनाई हो रही है, लेकिन विभाग बहुत जल्द सड़क की दशा सुधार कर यातायात सुगम बनाने की तैयारी कर रहा है।