जेल में आत्महत्या या साजिश? जानिए कैदी की मौत के पीछे की पूरी कहानी

बरेली।   केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी मुकेश कुमार ने बृहस्पतिवार को बैरक के बरामदे में एंगल से गमछे के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह लखीमपुर खीरी जिले के गोला इलाके का निवासी था। 

गोला के गांव जगन्नाथपुर निवासी 32 वर्षीय मुकेश कुमार को 23 सितंबर 2021 को लखीमपुर खीरी में एडीजे स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट कोर्ट उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वह कुछ समय लखीमपुर खीरी जेल में रहा। वर्ष 2022 से उसे केंद्रीय कारागार बरेली शिफ्ट कर दिया गया। जेल प्रशासन के मुताबिक जेल के अस्पताल चक्र परिसर में छह व सात नंबर बैरक में मानसिक रोगियों को रखा जाता है। इन्हीं में मुकेश कुमार भी बंद था। जेल आने के बाद से वह अवसाद से जूझ रहा था। इसलिए उसकी मानसिक रोग की दवा चल रही थी और उसे रोगियों वाली बैरक में रखा गया था। 


सुबह साढ़े दस बजे करीब मुकेश सुरक्षाकर्मियों की नजर बचाकर बैरक के पिछले हिस्से में चला गया। वहां वह गमछे के सहारे लोहे के गाडर एंगल से फंदे पर लटक गया और उसकी मौत हो गई। करीब आधा घंटा बाद सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने मुकेश को लटके हुए देखा। उसे फंदे से उतारकर जेल अस्पताल के डॉक्टरों ने परीक्षण किया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। फिर उसके शव को जिला अस्पताल की मोरचरी में रखवा दिया गया। इज्जतनगर पुलिस ने शव का पंचनामा भरवाया, पोस्टमार्टम शुक्रवार को होने की उम्मीद है। 


जेल से छूटने की नहीं थी उम्मीद 

यौन उत्पीड़न और पॉक्सो एक्ट के केस में उम्रकैद की सजा पाने वाले कैदियों को अपील से पेरोल व रिहाई की गुंजाइश बेहद कम होती है। माना जा रहा है कि मुकेश भी यह बात मन ही मन मान बैठा था कि उसका जीवन जेल की कोठरी के भीतर ही खत्म हो जाएगा। जेल प्रशासन स्थानीय चिकित्सकों के साथ ही मानसिक अस्पताल के विशेष चिकित्सकों से उसका उपचार करवा रहा था। वह बहकी हुई बातें करता था, हालांकि वह आत्महत्या कर लेगा, इस बारे में जेल प्रशासन ने भी कयास नहीं लगाया था। अचानक हुई इस घटना से अधिकारी भी सकते में हैं। 


मनोरोग से जूझ रहे कैदी की आत्महत्या के मामले में दोषी जेल स्टाफ पर कार्रवाई भी होनी तय मानी जा रही है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को भी जेल प्रशासन चिह्नित करने में लगा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम ने बताया कि मृतक के परिजनों को बुलाकर वस्तुस्थिति बताई गई है। घटना की मजिस्ट्रेट जांच का अनुरोध किया जाएगा। साथ ही जेल प्रशासन आंतरिक जांच भी करेगा। ड्यूटी पर किसकी तैनाती थी, यह स्पष्ट करने के साथ ही जांच में आरोप तय कर कार्रवाई की जाएगी।

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