
देहरादून : उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जाएगी। तैयारियों के मद्देनजर मंगलवार को चार धाम में से एक यमुनोत्री धाम में चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग का परीक्षण किया गया, ताकि यात्रा के दौरान चिनूक की मदद से भारी सामग्रियों को उत्तरकाशी से यमुनोत्री तक पहुंचाया जा सके।
पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदाओं की वजह से सरकारी और गैर-सरकारी परिसंपतियों को भारी नुकसान पहुंचा था, लिहाजा परिसंपतियों के बचाव और आमजन की सुरक्षा के लिए चरणबद्ध तरीके से बाढ़ रोकथाम के लिए निर्माण कार्य आवश्यक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने वायु सेना से चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की थी। हेलीकॉप्टर का परीक्षण सफल होने के बाद यमुनोत्री धाम की लगभग छह किलोमीटर पैदल चढ़ाई पर भारी निर्माण सामग्री पहुंचाने में निर्माण संस्थाओं को अब परेशानियों को सामना नहीं करना पड़ेगा। चिनूक की मदद से अब भारी से भारी सामान को भी असानी से पहुंचाया जा सकेगा।
जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि 30 अप्रैल से पवित्र यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी, ऐसे में वहां पहले से चल रहे निर्माण कार्यों में जेती लाने के लिए इस हेलिकॉप्टर की मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि ट्रायल लैंडिंग के बाद सिंचाई विभाग अब आवश्यक मशीनों को समय पर यमुनोत्री धाम तक पहंचा सकेगा। यमुनोत्री धाम में मंदिर और जानकीचट्टी में श्री राम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। प्रस्तावित चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग के बाद मशीनों को एयरलिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।