अमेरिका में पढ़ाई अब आसान नहीं ट्रंप की नई पॉलिसी से भारतीय छात्रों की बढ़ी टेंशन, ये देश बन रहे नए विकल्प

नई दिल्ली : अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का सपना अब उतना सहज नहीं रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में साइन किए गए वन बिग ब्यूटीफुल बिल के तहत वीजा नियमों में किए गए बदलावों ने छात्रों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर एफ F, एम M और जे J श्रेणी के स्टूडेंट वीजा के लिए नई फीस और कड़ी शर्तों के कारण अब पढ़ाई महंगी और जटिल हो गई है।

अब देना होगा अतिरिक्त वीजा इंटीग्रिटी फी

नए नियमों के तहत अब हर स्टूडेंट को 250 अमेरिकी डॉलर लगभग 21,463 रुपये का वीजा इंटीग्रिटी फी और 24 डॉलर करीब 2,060 रुपये का फॉर्म I-94 शुल्क देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, वीजा आवेदन करते समय सोशल मीडिया अकाउंट्स को सार्वजनिक करना होगा, जिनकी कड़ी जांच की जाएगी। अगर कोई छात्र अमेरिका में किसी प्रदर्शन या नियम उल्लंघन में शामिल पाया गया, तो उसका वीजा रद्द हो सकता है।

स्टूडेंट वीजा की वैधता पर लगी समय सीमा

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि स्टूडेंट वीजा अब फिक्स समय 2 से 4 साल के लिए ही मान्य होगा। पहले छात्र अपनी पढ़ाई पूरी होने तक अमेरिका में रह सकते थे, लेकिन अब तय समय सीमा के बाद उन्हें वीजा एक्सटेंशन के लिए फिर से प्रक्रिया से गुजरना होगा। वीजा इंटरव्यू की तारीख मिलने में भी देरी हो रही है, जिससे हजारों छात्रों की योजना अधर में लटक गई है।

विकल्प की तलाश में छात्र

अमेरिका में वीजा नियमों की जटिलता और बढ़ती फीस के चलते अब भारतीय छात्र अन्य देशों की ओर रुख कर रहे हैं। ब्रिटेन, हांगकांग, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के कई देश इस मौके का फायदा उठाकर छात्रों को आकर्षित करने में जुटे हैं। हांगकांग की यूनिवर्सिटीज में अमेरिकी छात्रों की ट्रांसफर रिक्वेस्ट की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो इस बदलाव का सीधा असर दर्शाती है।

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