
दिल्ली के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय JNU में गुरुवार को एक हिंसक झड़प की घटना हुई है। विजयादशमी के अवसर पर निकाली गई दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान दो छात्र गुटों के बीच टकराव हुआ, जिसमें विवाद बढ़ गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों का आरोप है कि वामपंथी छात्र संगठनों जैसे AISA, SFI, और DSF ने विसर्जन के दौरान विद्यार्थियों के साथ मारपीट की और पत्थरबाजी की। यह घटना साबरमती टी प्वाइंट के पास शाम लगभग 7 बजे हुई, जहां तनाव का माहौल बना हुआ है। अभी भी विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा है।
गौरतलब है कि पूरे नवरात्रि में विश्वविद्यालय में शांति और उत्सव का माहौल था, जिसमें हजारों छात्र-छात्राएं श्रद्धा और उमंग के साथ भाग ले रहे थे। लेकिन विसर्जन के समय यह घटना घट गई और विश्वविद्यालय विवादों की नई कड़ी जुड़ गई है।
ABVP ने आरोप लगाया है कि वामपंथी संगठनों ने जानबूझकर माहौल को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर यह घटना हुई, और पत्थर फेंके गए। आरोप है कि पहले लेफ्टिस्ट छात्रों ने अपने पुतले जलाने का कार्यक्रम बराक छात्रावास पर रखा था, जिसे अंत में टी-प्वाइंट पर शिफ्ट किया गया ताकि विसर्जन यात्रा पर हमला किया जा सके।

प्रेस नोट में कहा गया है कि हिंसक प्रदर्शन में कई छात्राएं एवं विद्यार्थी घायल हुए हैं। ABVP के नेता मयंक पंचाल ने कहा कि यह हिंसा केवल धार्मिक आयोजन पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परंपरा और छात्रों की आस्था पर हमला है। प्रवीन पीयूष ने कहा कि यह विश्वविद्यालय को अस्थिर करने की साजिश है और प्रशासन से आग्रह किया कि हिंसक गतिविधियों में शामिल सभी छात्रों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए।
वहीं, जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने कहा कि वामपंथी छात्रों ने हिंसा कर यह दिखा दिया कि उन्हें भारतीय संस्कृति और हिंदू परंपराओं से नफरत है। उन्होंने कहा कि यह केवल छात्रों पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के भाईचारे और सांस्कृतिक सौहार्द पर भी हमला है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की अपील की है।
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