
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शहर में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को सीधे सील करने के आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि शहर में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सचिवालय में प्रेस वार्ता कर जानकारी अवगत कराई है आज से दिल्ली में एक्सटेंसिव ड्राइव की शुरुआत हो चुकी है कि पोल्यूटिंग फैक्ट्रियाँ की पहचान की गई है। उन पर सख्त-सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रॉपर्टीजों को सील भी किया जाएगा।
आज के बाद कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि जिन इंडस्ट्रीज ने ऑनलाइन कॉन्टिनुएयस ईमिशन मोनिटरिंग सिस्टम (ओसीईएमएस) के लिए 31 दिसंबर तक अप्लाई नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली की स्वच्छ हवा की लड़ाई है। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि नगर निगम विभाग के सभी अतिरिक्त आयुक्त व डीपीसीसी के साथ मिलकर गैर-कानूनी इंडस्ट्रीज पर सीलिंग की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही अवैध रूप से चल रही इंडस्ट्री, चाहे पॉल्यूटिंग हो या नॉन-पॉल्यूटिंग, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी बंद कर दी जायेंगी। इस आदेश के अनुसार एमसीडी द्वारा इन पर कार्रवाई की जा रही है।
आज से शुरू की गई एक्सटेंसिव ड्राइव के तहत सभी पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज को सख्ती से बंद किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में (ग्रैप–4) लागू होने के साथ वर्क फ्रॉम होम का नियम भी लागू है। इस दौरान जानकारी मिली है कि कुछ प्राइवेट कंपनियाँ इस नियम का पूरी तरह पालन नहीं कर रही हैं। ऐसी सभी कंपनियों से अपील है कि वे नियमों का पूरी तरह पालन करें, अगर किसी प्राइवेट कंपनी के खिलाफ नाम के साथ शिकायत मिलती है, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, कि ग्रेप 4 लागू होने के बाद अभी तक 612 नियम तोड़ने वाली इंडस्ट्रीज पर कार्रवाई की गई है। विगत चार दिनों में 1 लाख से अधिक पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। पिछले दिनों में औद्योगिक इलाकों, रीडेवलपमेंट क्लस्टर्स और नॉन-कनफ़ॉर्मिंग क्षेत्रों में कुल 3,052 निरीक्षण किए गए थे। इस दौरान जांच में इंडस्ट्रियल एरिया की 251, रीडेवलपमेंट ज़ोन की 181 और नॉन-कनफ़ॉर्मिंग इलाकों की 180 यूनिट्स नियमों का पालन करती नहीं पाई गई थीं। इन 612 इंडस्ट्रीज के ख़िलाफ बंदी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि अन्य पर कार्रवाई की जा रही है। इस जवाबदेही तय करने के लिए क्षेत्रीय इंजीनियरों और ज़िला अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, जहां भी उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उन पर सीधे तौर पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हालिया सर्वे में चिन्हित की गई इंडस्ट्रीज की दोबारा जांच के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।















