
Moradabad : थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं। इलाके में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ चुका है कि अब लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। रोज़ाना सड़क पर चलने वाले राहगीरों, बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को कुत्तों के झुंड निशाना बना रहे हैं। कई मामलों में अचानक हमला कर लोगों को लहूलुहान किया जा रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहल्लों में आवारा कुत्तों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में ये कुत्ते आए कहां से? क्या किसी संगठित तरीके से इन्हें छोड़ा जा रहा है? या फिर प्रशासन की घोर लापरवाही इसका कारण है?
डरे-सहमे लोगों के अनुसार, अब सिर्फ कुत्ते ही नहीं, बल्कि बंदरों का भी आतंक तेजी से बढ़ रहा है। छतों, गलियों और बिजली के तारों पर झुंड बनाकर बैठे बंदर अचानक लोगों पर हमला कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरा और भी गंभीर होता जा रहा है।
स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुरादाबाद के जिला अस्पताल में रोज़ाना भारी संख्या में डॉग बाइट के मरीज पहुंच रहे हैं। कई लोग गंभीर हालत में, खून से लथपथ अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराए जा रहे हैं। घायल लोगों का कहना है कि ये आवारा कुत्ते अब सिर्फ डर ही नहीं, बल्कि जानलेवा खतरा बन चुके हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर मुरादाबाद नगर निगम कब जागेगा? कब तक आम जनता अपनी जान को जोखिम में डालकर सड़कों पर निकलेगी? कब तक मासूम बच्चे और बुजुर्ग इन जानलेवा हमलों का शिकार बनते रहेंगे?
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया जाए, नसबंदी और वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाए और शहर को इस खतरनाक संकट से जल्द से जल्द राहत दिलाई जाए। अब देखना यह है कि नगर निगम और प्रशासन कब तक इस बढ़ते खतरे पर लगाम लगा पाते हैं।










