
देश में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कभी किसी को काटने से मौत की खबर आती है, तो कभी बच्चे गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। कई मामलों में मासूम बच्चों की जान भी जा चुकी है। इसी बीच कर्नाटक से एक बेहद हैरान करने वाली खबर सामने आई है — बेंगलुरु नगर निगम (BBMP) ने शहर के आवारा कुत्तों को रोजाना चिकन चावल खिलाने की योजना शुरू की है।
क्या है ये योजना?
इस योजना का नाम “चिकन राइस भाग्य योजना” रखा गया है। इसके तहत बेंगलुरु के 8 जोन में रहने वाले 2.79 लाख आवारा कुत्तों को रोजाना 367 ग्राम चिकन चावल दिया जाएगा। इस पर हर कुत्ते की दैनिक लागत ₹22 आंकी गई है। BBMP ने इस काम के लिए ₹2.88 करोड़ का बजट भी पास किया है।
क्यों पड़ी इसकी जरूरत?
बेंगलुरु में पिछले छह महीनों में 13,748 डॉग बाइट केस सामने आए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भूख और कुपोषण के कारण कुत्तों में आक्रामकता बढ़ जाती है, जिससे वे इंसानों पर हमला करने लगते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए BBMP ने यह योजना पशु कल्याण और पब्लिक सेफ्टी के उद्देश्य से शुरू की है।
क्या मिलेगा फायदा?
- कुत्तों को पौष्टिक भोजन मिलेगा
- आक्रामकता में कमी आएगी
- शहरवासियों की सुरक्षा बढ़ेगी
- पशु कल्याण को मिलेगा बढ़ावा
पायलट प्रोजेक्ट बना बड़ी योजना
यह योजना ‘कुक्कुर तिहार अभियान’ का हिस्सा है, जिसे सबसे पहले 17 अक्टूबर 2024 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था। अब इसे सफल मानते हुए पूरे शहर में लागू किया गया है।
जनता क्या कहती है?
इस अनोखी योजना पर जनता के मिले-जुले रिएक्शन सामने आ रहे हैं। कुछ लोग इसे पशु-कल्याण की दिशा में सराहनीय कदम मान रहे हैं, तो कुछ का सवाल है कि क्या इतने बड़े बजट का इस्तेमाल कहीं और नहीं किया जा सकता था।
Zara Hatke में बेंगलुरु की ये पहल वाकई कुछ अलग है — जहां देश के कई हिस्से आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं, वहीं यहां उन्हें शांत और संतुलित रखने के लिए उन्हें रोजाना चिकन बिरयानी जैसे स्वादिष्ट भोजन की सुविधा दी जा रही है।
ये भी पढे – BHEL Artisan Recruitment 2025: 10वीं पास और ITI धारकों के लिए 515 पदों पर सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका