
लखीमपुर खीरी। बुधवार को सुबह आई तेज आंधी ने जिले भर में कहर बरपाया। शहर के अलग-अलग स्थानों पर तेज आंधी और तूफान ने मिनटों में बर्बादी का मंजर लिख दिया। कई जगहों पर गौशाला का टीन शेड उखड़कर उड़ गया तो कई जगह पर आंधी से हाईवे के किनारे पर लगे होर्डिंग उड़ गए।
निघासन तहसील क्षेत्र के रकेहटी गौशाला को बुरी तरह प्रभावित किया। अचानक आई तेज हवाओं के चलते गौशाला का टीन शेड उखड़कर उड़ गया, कई दीवारें जमींदोज हो गईं, जबकि सोलर पैनल और बिजली के पोल भी गिर गए। हालांकि इस हादसे में किसी गौवंशीय पशु को जान-माल की हानि नहीं हुई, जो बड़ी राहत की बात है।
गौशाला में तैनात कर्मचारी बताते हैं कि आंधी के कुछ ही मिनटों में गौशाला की संरचना चरमरा गई। टीन शेड दूर जाकर गिरा और कई जगह दीवारें ध्वस्त हो गईं। साथ ही, सोलर लाइट पैनल और बिजली के पोल भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे गौशाला में अफरातफरी का माहौल बन गया।
घटना की सूचना पाकर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) जयेश कुमार सिंह ने स्थिति का जायजा लिया। बीडीओ ने कहा, “तेज आंधी के कारण रकेहटी गौशाला को काफी नुकसान हुआ है। टीन शेड, दीवारें और सोलर लाइट पैनल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्राथमिकता है कि शीघ्र मरम्मत का कार्य शुरू किया जाए ताकि गौवंशीय पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह एक प्राकृतिक आपदा है, जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं है।”

ग्राम विकास अधिकारी पवन द्विवेदी ने भी पुष्टि की कि तेज आंधी के कारण गौशाला की दीवारें और सोलर पैनल गिर गए हैं, साथ ही टीन शेड भी क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि मरम्मत का कार्य जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा।
रोजगार सेवक संजय गुप्ता ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया और बीडीओ तथा ग्राम विकास अधिकारी के साथ मिलकर मरम्मत संबंधी योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि प्रशासन के निर्देशानुसार गौशाला की मरम्मत शीघ्र शुरू कराई जाएगी और वह स्वयं इसकी निगरानी करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और संबंधित विभागों को आवश्यक मरम्मत के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही गौशाला अपनी पूर्व स्थिति में पुनः स्थापित हो जाएगी।

तेज आंधी में हाइवे पर गिरी भारी भरकम होर्डिंग, बाल-बाल बचे राहगीर
भीरा स्टेट हाइवे के बस्तौला चौराहे की घटना, पाइप जंग लगने से कमजोर हो चुकी थी होर्डिंग, जिले में कई ऐसी और होर्डिंग बनीं खतरा
लखीमपुर-भीरा स्टेट हाइवे पर बस्तौला चौराहा स्थित एक भारी भरकम होर्डिंग सड़क पर जा गिरी। गनीमत रही कि हादसे के समय वहां कोई वाहन या राहगीर मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह होर्डिंग कई वर्षों से यहां लगी थी और इसकी देखरेख लंबे समय से नहीं की गई थी। नीचे की पाइपें जंग लगकर पूरी तरह कमजोर हो चुकी थीं। तेज आंधी के चलते होर्डिंग का संतुलन बिगड़ा और वह सीधा सड़क पर आ गिरी।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सवाल उठाए हैं कि आखिर ऐसी जर्जर और भारी-भरकम होर्डिंग्स की समय-समय पर जांच क्यों नहीं होती? जिले में कई जगहों पर इसी तरह की पुरानी, जंग लगी और ढीली हो चुकी होर्डिंग्स अभी भी लगी हैं, जो राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरा बनी हुई हैं।
इस घटना के बाद भी संबंधित विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न ही मौके पर कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचा। लोगों की मांग है कि ऐसी सभी होर्डिंग्स की तुरंत जांच कराई जाए और जो भी ढांचे खतरनाक स्थिति में हैं, उन्हें हटाया जाए।
रोज़ाना इस रास्ते से गुजरने वाले एक बाइक सवार राजेश कुमार ने कहा, “अगर यह होर्डिंग आधे घंटे पहले गिरती, तो शायद मैं इसकी चपेट में आ जाता। जिला प्रशासन को अब जागना चाहिए, नहीं तो अगली बार जानमाल का नुकसान तय है।”
तेज आंधी में शारदा पुल पर पेड़ गिरा, भीरा-पलिया हाईवे जाम से जूझा
लखीमपुर खीरी जिले के भीरा-पलिया स्टेट हाईवे पर शारदा पुल के पास अचानक एक विशाल पेड़ सड़क पर गिर गया, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। सुबह छह बजे के आसपास हुई इस घटना ने यात्रियों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दीं। तेज हवा में गिरे इस पेड़ ने हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगवा दीं। देखते ही देखते करीब दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
पुल पर पहले से ही ट्रैफिक का दबाव रहता है। ऐसे में अचानक पेड़ गिरने से सड़क पूरी तरह से बंद हो गई। कई ट्रक, बसें, कारें और बाइकें जाम में फंस गईं। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि जाम में एक एंबुलेंस भी फंसी रही, जो एक मरीज को जिला अस्पताल ले जा रही थी। मरीज की हालत को लेकर लोग चिंतित नजर आए, लेकिन मदद का कोई त्वरित इंतजाम नहीं हो सका।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौके पर प्रशासन और वन विभाग की टीम काफी देर से पहुंची। जबकि राहगीरों ने तुरंत सूचना दे दी थी। देरी से पहुंचे अधिकारियों ने कर्मचारियों की मदद से गिरे पेड़ को हटवाया, जिसके बाद धीरे-धीरे यातायात सामान्य हो सका। लेकिन तब तक लोगों को तीन घंटे तक गर्मी, धूल और अव्यवस्था का सामना करना पड़ा।
पुल के पास हैं कई कमजोर पेड़, खतरे की आशंका पहले से
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि शारदा पुल के आसपास कई पुराने और कमजोर पेड़ मौजूद हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। कई बार इस संबंध में प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बुधवार की घटना ने इन आशंकाओं को सच साबित कर दिया।
यात्रियों में आक्रोश, प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग
घंटों तक सड़क पर फंसे यात्रियों में इस अव्यवस्था को लेकर गहरा आक्रोश देखा गया। लोगों ने मांग की है कि शारदा पुल के आसपास और हाईवे किनारे मौजूद पुराने व कमजोर पेड़ों की छंटाई या कटाई जल्द से जल्द की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
प्रशासन की लापरवाही सवालों के घेरे में
घटना के समय प्रशासन की सुस्ती और देरी से राहत कार्य शुरू करना, एक बार फिर प्रशासनिक सतर्कता पर सवाल खड़े करता है। अगर समय रहते राहत कार्य शुरू किया गया होता, तो जाम और पीड़ितों की परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता था।
मुख्य तथ्य
घटना का समय: सुबह लगभग 6 बजे
स्थान: शारदा पुल, भीरा-पलिया स्टेट हाईवे
प्रभाव: दो किलोमीटर लंबा जाम, तीन घंटे ठप रही आवाजाही
प्रभावित वाहन: ट्रक, बस, कार, बाइक, एंबुलेंस
प्रशासन की प्रतिक्रिया: सूचना के बावजूद दो घंटे की देरी से पहुंची टीम
जनता की मांग: पुराने और कमजोर पेड़ों की तत्काल छंटाई या कटाई
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