भगदड़ में आस्था भारी! अयोध्या और काशी में जमा हो रही महाकुंभ की भीड़

Seema Pal

महाकुंभ में स्नान के बाद श्रद्धालुओं का धार्मिक आस्था के प्रतीक स्थल काशी और अयोध्या की ओर रुख करना गंभीर समस्या को जन्म दे सकता है। मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद भीड़ काशी और अयोध्या में जमा हो रही है।

बीते गुरुवार को काशी मेें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। जिससे काशी के दशाश्‍वमेध घाट पर एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा कर दी। जैसे-जैसे श्रद्धालु काशी में गंगा आरती में शामिल होने के लिए पहुंचे, घाट पर भीड़ बढ़ती गई। इस भीड़ की स्थिति को देखते हुए गंगा सेवा समिति और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे काशी आने से पहले महाकुंभ के बाद की स्थिति का ध्यान रखें, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

अधिकारियों के बयान से यह साफ है कि इस समय घाट की क्षमता से अधिक लोग यहां जमा हो गए थे, और वे अगले कुछ दिनों में काशी आने से बचने के लिए श्रद्धालुओं से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं। गंगा आरती के आयोजन में असुविधा से बचने के लिए 5 फरवरी तक दशाश्‍वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन स्थगित कर दिया गया है।

गंगा सेवा समिति दशाश्‍वमेध घाट के अध्यक्ष, सुशांत मिश्रा ने बताया कि आज घाट पर आरती कराने में हमें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि हमें डर था कहीं कुछ अप्रिय घटना न घट जाए। घाट पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी, और घाट के ऊपर गोदौलिया चौराहे तक लोग जमा थे। हर कोई गंगा आरती में भाग लेना चाहता था।

उन्होंने आगे कहा, “घाट की अपनी सीमाएं हैं, और आज जो भीड़ का दृश्य था, वैसा दृश्य हमें देव दीपावली पर भी देखने को नहीं मिला। इसलिए हम देशवासियों से अपील करते हैं कि वे महाकुंभ में स्नान के बाद अपने गंतव्य की ओर जाएं और महाकुंभ के बाद जब स्थिति सामान्य हो, तब काशी यात्रा पर आएं।”

ऐसी स्थिति में, श्रद्धालुओं को काशी के दर्शनों के लिए सावधानीपूर्वक यात्रा करने की सलाह दी जा रही है, ताकि धार्मिक अनुष्ठान सुरक्षित रूप से संपन्न हो सकें।

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