बेंगलुरु में जश्न के बीच मची भगदड़, क्या थी वजह और कैसे बेकाबू हुई भीड़?

RCB Victory Parade: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल जीत के जश्न के दौरान बुधवार को जोश मातम में बदल गया. एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित विक्ट्री परेड में भारी भीड़ उमड़ी, जहां भगदड़ मचने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए. स्टेडियम की 35 हजार की क्षमता के बावजूद करीब 3 लाख लोग जमा हो गए थे. इस भयावह हादसे ने कर्नाटक सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने माना कि 5,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती भीड़ के आगे नाकाफी साबित हुई. भगदड़ पर क्या बोली सरकार? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 33 लोग घायल हो गए हैं, भगदड़ की घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “विजय समारोह के दौरान एक बड़ी त्रासदी हुई. यह चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुआ. सरकार ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. सरकार घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएगी. भगदड़ की घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘यह त्रासदी नहीं होनी चाहिए थी। सरकार इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करती है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL जीत पर बेंगलुरु शहर जश्न में डूबा था, लेकिन यह खुशी चंद घंटों में मातम में बदल गई. बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उमड़ी लाखों की भीड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और तीस से ज्यादा लोग घायल हो गए. अब इस त्रासदी की असल वजह सामने आई है. ‘कुंभ मेले में भी लोग मारे थे मैंने आलोचना नहीं की’ बेंगलुरु भगदड़ पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि, ‘ऐसी घटनाएं कई जगहों पर हुईं; मैं उनकी तुलना करके या यह कहकर इसका बचाव नहीं करने जा रहा हूं कि यह यहां-वहां हुआ. कुंभ मेले में 50-60 लोग मारे गए. मैंने आलोचना नहीं की. अगर कांग्रेस आलोचना करती है, तो यह अलग बात है. क्या मैंने या कर्नाटक सरकार ने आलोचना की? कैसे मची भगदड़? सूत्रों के मुताबिक, स्टेडियम के पास एक पुराने नाले को ढकने के लिए लगाया गया अस्थायी स्लैब भीड़ के दबाव से टूट गया. इस स्लैब पर सैकड़ों लोग RCB टीम की झलक पाने के लिए खड़े थे. जैसे ही स्लैब टूटा, लोग नीचे गिर पड़े और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, जिसने भगदड़ का रूप ले लिया. इस दौरान बेंगलुरु के मेट्रो और बस स्टेशनों पर भी भीड़ का बुरा हाल था. मेट्रो स्टेशन पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी. हजारों लोग विक्ट्री परेड के लिए स्टेडियम की ओर बढ़ रहे थे, जिससे ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. हालांकि बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ का पूर्वानुमान प्रशासन नहीं लगा सका. जैसे ही टीम के स्टेडियम में आने की खबर फैली, लोग बेकाबू हो गए. कुछ गेट तोड़ते और कुछ दीवारें फांदते नजर आए. कई लोगों ने पेड़ों पर चढ़कर अंदर जाने की कोशिश की. इस पूरी घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि भीड़ प्रबंधन में चूक कितनी जानलेवा साबित हो सकती है.अब इस हादसे को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष हमलावर हो गया है. देखें भयावह तस्वीरें  

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