एसआरएमयू फर्जी डिग्री मामला : सीएम का एक्शन, राजधानी में अभाविप का गुस्सा फूटा…जानें अब तक क्या-क्या हुआ

– पुलिस टीम पर गिरी गाज, सीएओ हटाये गए, नगर कोतवाली प्रभारी और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

– एसआरएमयू की रजिस्ट्रार बोलीं..बाहरी छात्रों ने उपद्रव किया, बदनाम करने की साजिश


लखनऊ। बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (एसआरएमयू) में बिना मान्यता के एलएलबी कोर्स कराये जाने और फर्जी डिग्री का विरोध करने पर लाठीचार्ज से छात्रों में आक्रोश फूट पड़ा। इस घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। उन्होंने फर्जी डिग्री मामले में रिपोर्ट तलब की है। लाठीचार्ज घटना की जांच आईजी अयोध्या रेंज को दी गई। सीओ सिटी हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया गया जबकि नगर कोतवाली प्रभारी आरके राणा और गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए।
सोमवार को एसआरएमयू के बाहर पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज से नाराज छात्रों ने एबीवीपी के बैनर तले मंगलवार को लखनऊ में प्रदर्शन किया। एक्शन न लिये जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन और विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एक पुलिसकर्मी की निजी गाड़ी तोड़फोड़ भी हुई। फर्जी डिग्री देने पर यूनिवर्सिटी पर कोई कार्रवाई न होने से प्रदर्शन कारी नाराज थे। इस दौरान अभाविप के दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।


घटना के विरोध में कैसरबाग स्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रान्तीय कार्यालय पर बड़ी संख्या में छात्र इकट्ठा हुए। छात्र प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच पुलिस व अभाविप के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। अभाविप के क्षेत्र संगठन मंत्री घनश्याम शाही सड़क पर उतरे कार्यकर्ताओं को समझाबुझाकर कार्यालय भेजा।


बता दें सोमवार को प्रदर्शन में 22 छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं। घायलों का इलाज मेयो अस्पताल में चल रहा है। अभाविप अवध प्रांत के प्रांत मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई ने बताया कि विवि लंबे समय से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा । विश्वविद्यालय 2022 से विधि विभाग की बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से संबद्धता के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है। छात्रों को झांसा देकर उनके भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है।
उधर, जांच आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार को सौंपी गई है। मंगलवार को वे यूनिवर्सिटी भी पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
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90 फीसदी प्रदर्शनकारी बाहरी : रजिस्ट्रार
रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार प्रो. नीरजा जिंदल ने कहा कि जांच में सामने आया है कि केवल 10 प्रतिशत ही यूनिवर्सिटी के छात्र थे, जबकि 90 प्रतिशत लोग बाहर से बुलाए गए उपद्रवी थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा घटनाक्रम संस्थान को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। असली दोषियों की पहचान कर जल्द ही एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

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