
श्रीनगर। सोमवार से 21 दिवसीय स्किल बर्थ अटेंडेंट ट्रैनिंग का बेस अस्पताल में शुभारंभ किया गया। ट्रैनिंग में विभिन्न अस्पतालों से आए नर्सिंग अधिकारियों को मातृ एव नवजात की मृत्युदर घटाने तथा प्रसव के बेहतर कौशल सिखाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसन विभाग के तत्वावधान में आयोजित 21 दिनों की ट्रैनिंग का शुभारंभ करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि मातृ एव नवजात व शिशु मृत्युदर घटाने के लिए भारत सरकार की ओर से नर्सिंग अधिकारियों को लगातार ट्रैनिंग कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधि तथा मानसिक तौर पर मजबूती का ना होना आमतौर पर पाया जाता है। इसलिए इस तरह के केसों में अस्पतालों में कार्यरत सभी स्टाफ नर्सों सहित फीमेल हेल्थ वर्करों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि उनको अपने दायित्व का पूरा ज्ञान व कौशल हो।
इस मौके पर गायनी विभाग के एचओडी डॉ. नवज्योति बोरा एवं बाल रोग विभाग की असि. प्रो. डॉ. अंकिता गिरी ने भी अपने विचार रखे। डिप्टी एमएस प्रशिक्षण डॉ. सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि ट्रैनिंग इस बार दो चरणों में होगी। जिसमें दूसरे चरण का प्रशिक्षण तीन दिसम्बर से आयोजित होगा। ट्रैनिंग के अंतिम दिन नर्सिंग अधिकारियों का टेस्ट भी लिया जाएगा। मास्टर ट्रेनर विजय लक्ष्मी द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है।
इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी प्रो. विनीता रावत, नर्सिंग अधिकारी शारदा, ज्योति भट्ट, लेडिना आदि मौजूद रहे।