प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 18 में बने विश्व हिन्दू परिषद के शिविर महर्षि भरद्वाज आश्रम में सामाजिक समरसता का विशेष ध्यान रखा गया है। विहिप के शिविर में बने नगरों, मुख्य मार्गों व सभागारों का नाम सामाजिक समरसता के लिए काम करने वाले संतों व महापुरुषों के नाम पर रखे गये हैं। व्यवस्था की दृष्टि से भरद्वाज आश्रम को चार नगरों में बांटा गया है।
आश्रम में महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर व गुरु गोविन्द सिंह के नाम से नगर बसाए गये हैं। इन नगरों में बनी कुटिया में देश विदेश से आये संतगण निवास करेंगे। विहिप का सम्पूर्ण परिसर समरसता के रंग में सराबोर है। पूरे परिसर में सामाजिक समरसता का दिग्दर्शन होता है। आश्रम के अंदर बने मार्गों के नाम भी सामाजिक समरसता के क्षेत्र में काम करने वाले संतों व महापुरुषों के नाम से रखे गये हैं। विहिप के शिविर के अंदर छह प्रमुख मार्ग हैं। इन मार्गों के नाम तथागत बुद्ध, महावीर स्वामी, शंकरदेव, संत विश्वेश्वर, चैतन्य महाप्रभु के नाम पर रखे गये हैं। इसके अलावा विहिप के परिसर में एक बड़ा व तीन छोटे सभागार बनाये गये हैं। सबसे बड़ा सभाागार महर्षि सांदीपनि के नाम से है। विहिप के सभी कार्यक्रम इसी सभागार में संपन्न होंगे। इसके अलावा तीन अन्य सभागार महर्षि वेदव्यास, मुनि विश्वामित्र और गुरु वरिष्ठ के नाम से हैं।
विहिप के शिविर में आएंगे जनजातीय समाज के संत
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि सामाजिक समरसता के निर्माण में साधु संतों का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए समरसता का संदेश देने के लिए विहिप के शिविर में बने नगरों, सभागारों व मार्गों के नाम संत महापुरुषों के नाम पर रखे गये हैं। उन्होंने बताया कि भरद्वाज आश्रम में बड़ी संख्या में संतों का आगमन होगा। देश-विदेश के बौद्ध मत के बड़े आचार्य एवं जनजातीय समाज का आगमन भी बड़ी संख्या में होगा। शिविर में तीन हजार लोगों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की गयी है।