SP आरती सिंह ने कोर्ट में पेश होकर मांगी माफी, हलफनामा भी किया दाखिल

फर्रुखाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट में फर्रुखाबाद की प्रीति यादव द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। कोर्ट के आदेश पर फर्रुखाबाद की एसपी आरती सिंह दोपहर दो बजे अदालत में उपस्थित हुईं और अपना हलफनामा दाखिल किया।

मंगलवार को हुई पिछली सुनवाई में, याची प्रीति यादव ने एसपी की मौजूदगी में पुलिस उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया कि उन पर याचिका वापस लेने का दबाव बनाया गया था। इस पर नाराज हाईकोर्ट ने एसपी से हलफनामा और स्पष्टीकरण तलब किया था।

बुधवार को सुनवाई के दौरान एसपी आरती सिंह ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए माफी मांगी। अदालत ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस दौरान एक और विवाद सामने आया—इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर के बाहर फर्रुखाबाद पुलिस द्वारा एक अधिवक्ता को हिरासत में लिए जाने का आरोप लगा, जिससे वकीलों में नाराजगी फैल गई।

मामला कायमगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। आरोप है कि 8 सितंबर 2025 की रात करीब नौ बजे थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ और अन्य पुलिसकर्मी प्रीति यादव के घर पहुंचे और दो परिजनों को हिरासत में ले लिया। उन्हें करीब एक हफ्ते तक थाने में रखा गया। इस दौरान प्रीति से जबरन एक बयान लिखवाया गया कि वे किसी तरह की शिकायत या याचिका नहीं करेंगी।

पुलिस की ओर से कोर्ट में यही लिखित बयान पेश किया गया, लेकिन अदालत ने प्रीति का शपथपत्र दर्ज कर पूरे मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की। अब फैसले का इंतजार है।

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