
नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एक रिवीजन याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ (FIR) दर्ज करने की मांग की गई है। मामला 45 साल पुराना है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से तीन साल पहले ही वोटर लिस्ट में शामिल कर लिया गया था।
याचिकाकर्ता का दावा है कि सोनिया गांधी का नाम अप्रैल 1983 में भारतीय नागरिकता मिलने से पहले ही, यानी 1980 में, न्यू दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ दिया गया था। याचिकाकर्ता ने इसे चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन बताते हुए FIR दर्ज करने की मांग की थी।
मामले की शुरुआत सितंबर 2025 में हुई, जब अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) वैभव चौरसिया ने याचिका खारिज कर दी थी। मजिस्ट्रेट ने तर्क दिया था कि पुराने रिकॉर्ड्स के आधार पर FIR दर्ज करने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। लेकिन अब रिवीजन याचिका में इस फैसले को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में दावा किया कि सोनिया गांधी की वोटर लिस्ट में अनियमितता न केवल चुनाव प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि यह एक अपराध भी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की थी कि इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू की जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राउज एवेन्यू की सत्र न्यायालय ने मंगलवार को इस रिवीजन याचिका पर सुनवाई की। जज ने तत्काल नोटिस जारी करने का आदेश दिया और दोनों पक्षों से जवाब मांगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी। इस दौरान याचिकाकर्ता को और सबूत पेश करने का मौका मिल सकता है।
ये मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि सोनिया गांधी कांग्रेस की प्रमुख नेता रही हैं और वर्तमान में भी पार्टी की रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक प्रेरित बताया है, जबकि याचिकाकर्ता इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मान रहे हैं।
सोनिया गांधी मूल रूप से इटली की नागरिक थीं और 1968 में राजीव गांधी से विवाह के बाद भारत आईं। उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता ग्रहण की। राजनीति में प्रवेश के बाद वे 1998 से 2017 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं और 2019 से राज्यसभा सदस्य हैं। कांग्रेस पार्टी ने अभी तक इस नोटिस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है















