कुछ लोग यकीन ही नहीं करते… मोहन भागवत बोले- ‘गुरु दक्षिणा’ है RSS का फंड

जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की फंडिंग को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संघ की फंडिंग ‘गुरु दक्षिणा’ के रूप में होती है, लेकिन कुछ लोग इस पर विश्वास नहीं करते। भागवत ने बताया कि संघ को यह राशि समर्पण भाव से दी जाती है और इसका उद्देश्य केवल संगठन का संचालन करना नहीं बल्कि समर्पित योगदान होता है। उन्होंने कहा कि सवाल पहले भी उठाए गए थे और अधिकांश का उत्तर पहले ही मिल चुका है, बस कुछ लोगों का विश्वास अभी भी बन नहीं पा रहा।

भारत की वैश्विक भूमिका पर मोहन भागवत

एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में भागवत ने भारत के तेजी से विकास और वैश्विक महत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि दुनिया अब वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देखती है। भारत अब केवल छोटे-छोटे इंच-दर-इंच विकास की बजाय मील-दर-मील तरक्की कर रहा है और इसका दुनिया में एक मजबूत प्रतिष्ठान बन गया है।

वैश्विक संघर्षों और राष्ट्रवाद पर विचार

भागवत ने वैश्विक संघर्षों के इतिहास पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि युद्ध अक्सर राष्ट्रवाद से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीयता की बात करने वाले भी अक्सर अपने राष्ट्र के हित को सर्वोपरि रखते हैं। आरएसएस प्रमुख ने यह भी जोड़ा कि भारत के पास वैश्विक समस्याओं का समाधान देने की बौद्धिक गहराई और विचारशील क्षमता मौजूद है।

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