रूस में फंसे फतेहाबाद के युवकों के सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट, बचाने के लिए दौड़-धूप कर रहे परिजन

फतेहाबाद। फतेहाबाद के गांव कुम्हारिया के दो युवकों अंकित और विजय के रूसी सेना में फंसने का मामले में एक नया मोड़ आया है। इन युवकों द्वारा व्हाटसएप कॉल पर परिजनों से उन्हें बचाने की गुहार लगाने के बाद इनका व्हाटसएप डिलीट कर दिया गया और सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद आ रहे हैं। फेसबुक या इंस्टाग्राम के जरिए भी युवक कोई रिस्पांस नहीं दे रहे हैं।

ऐसे में परिजनों का इनसे कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा और दोनों युवकों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही है। दोनों युवकों को सुरक्षित भारत लाने के लिए युवकों के परिजनों ने दौड़-धूप तेज कर दी है। अंकित और विजय के परिजन चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। दिल्ली में रूसी एम्बेसी, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में जाकर युवकों को बचाने की गुहार लगाएंगे।

वहीं, चंडीगढ़ में भी हरियाणा सरकार से इस मामले में और तेजी से कदम उठाने का आग्रह करेंगे। रशिया में फंसे कुम्हारिया गांव के विजय ने बुधवार रात फेसबुक मैसेंजर के जरिए अपने साथी रमेश कुमार के पास मैसेज भेजा। मैसेज में उसने बताया कि उसका वॉट्सऐप डिलीट कर दिया है। इस मैसेज को रमेश कुमार ने गुरुवार सुबह देखा। सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर रमेश ने उसे रिप्लाई करते हुए उसे टेंशन न लेने और जल्द कोई समाधान निकलने की बात कही लेकिन चिंताजनक बात यह है कि विजय ने अभी तक रमेश द्वारा भेजे गए मैसेज को सीन नहीं किया है और न की कोई रिस्पांस दिया है, जिससे परिजन चिंतित है।

वीडियो में कहा गया कि हमारे पास 2-3 दिन ही बचे हैं। फिर हमें यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया जाएगा। यहां से जो भी जा रहा है, वह वापस नहीं आ रहा। पहले 13-14 साथी गए थे, वे भी मारे गए। फतेहाबाद के अंकित जांगड़ा व विजय पूनिया ने वीडियो में बताया कि वे महिला के दिए नौकरी के लालच में रूसी सेना में आकर यूक्रेन में फंस गए हैं। इस मामले में युवकों के परिजन बुधवार को फतेहाबाद डीसी से भी मिले थे।केन्द्र सरकार ने जारी किया बयानरूसी सेना में भारतीयों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने अपना बयान जारी किया है।

मामले से जुड़े मीडिया के सवालों के जवाब में गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्ट देखी हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है। हमने अनुरोध किया है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए। हमारे नागरिकों को वापस भेजा जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने लोगों से जान जोखिम में डालने वाले किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की अपील की।

उन्होंने कहा कि, हम अपने नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे सतर्क रहें। हम भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें। ऐसा करना जान जोखिम में डालने या खतरे से खेलने जैसा है।

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