
तेजी से बदलते मौसम ने चिंता बढ़ा दी है। एक ओर जहां कश्मीर से लेकर केदारनाथ तक पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान ठंडा बना हुआ है, वहीं राजस्थान समेत मैदानों में मार्च के दूसरे हफ्ते में ही पारा चढ़ने लगा है। इसके अलावा, गुजरात से लेकर विदर्भ पश्चिम और मध्य भारत में समय से पहले लू का असर देखने को मिल रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। कश्मीर और उत्तर-पश्चिम भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में जहां भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है, वहीं राजस्थान, गुजरात और उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने लगा है।
गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ओडिशा, विदर्भ, कोंकण और गोवा में भी तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया है, और कई जगहों पर समय से पहले ही लू का असर महसूस हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड के केदारनाथ और आसपास के इलाकों में बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई है। कश्मीर के गुलमर्ग, जोजिला और राजदान पास जैसे इलाकों में मंगलवार को भी बर्फबारी और बारिश जारी रही। हिमाचल प्रदेश में मनाली-केलांग हाईवे पर सोलंगनाला से आगे तीन स्थानों पर हिमस्खलन हुआ।
उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों के दौरान इन इलाकों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। इसी दौरान मध्य भारत में भी तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी का अनुमान है।
मौसम विभाग ने बताया कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे मौसम में बदलाव आने की संभावना है। 14 मार्च तक जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में बिजली गिरने के साथ बारिश और बर्फबारी हो सकती है।