
बिहार। छपरा पुलिस ने फर्जी दरोगा रविकिशन पराशर को पकड़ा। ये यूपी के बलिया से बिहार में शराब ले जाकर बेचता था। 8 महीने पहले इसे यूपी पुलिस ने पकड़ा था। जेल से छूटते ही इसने पुलिस की वर्दी सिलवाई और दारू तस्करी करने लगा। फर्जी दरोगा रविकिशन पराशर का गिरफ़्तार होना यह दर्शाता है कि कुछ लोग कानून का मजाक बनाकर अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए जनता को धोखा देने में सक्षम होते हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि जेल से छूटने के बाद उसने न केवल खुद को एक पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया, बल्कि पुलिस की वर्दी भी धारण की और शराब तस्करी में संलग्न हो गया। यह घटना यह भी दर्शाती है कि तस्करी और अवैध गतिविधियों के लिए नई रणनीतियाँ अपनाई जा रही हैं, और इससे निपटने के लिए पुलिस प्रशासन को अधिक सतर्क रहना होगा।
छपरा पुलिस का यह कदम सराहनीय है, जिन्होंने इसे पकड़कर न केवल एक अपराधी को न्याय के कटघरे में लाने का कार्य किया, बल्कि समाज में सुरक्षा के प्रति विश्वास को भी बहाल किया। इस प्रकार के मामलों में सख्त कानून और सतर्कता महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल न हो सके।