इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर भीषण हमला किया, जिसके चलते चारों तरफ धुएं का गुबार फैल गया. दिलचस्प बात ये रही कि हमले के वक्त एक टीवी चैनल पर लाइव कार्यक्रम प्रसारित हो रहा था. विस्फोट की गूंज इतनी तेज थी कि एंकर को लाइव शो छोड़कर भागना पड़ा. ये हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है, जो सीरिया के ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा से जुड़ा है.
इजरायल ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर सीरियाई सेना ने दक्षिणी सीरिया में ड्रूज़ समुदाय पर हमले जारी रखे, तो वो पूरे शासन को निशाना बनाएगा. इस हमले के बाद पूरे इलाके में बेचैनी फैल गई है और हालात किसी भी वक्त बड़े युद्ध में तब्दील हो सकते हैं.
Dramatic visuals of an Israeli airstrike captured from a news studio in Damascus, Syria a short while ago. pic.twitter.com/H6ox4K1lqq
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 16, 2025
ड्रूज़ समुदाय की रक्षा को लेकर इजरायल का स्पष्ट संदेश
इजरायल ने चेतावनी दी है कि अगर सीरियाई सरकार ने दक्षिणी इलाके में ड्रूज़ समुदाय पर अत्याचार बंद नहीं किया, तो वो सीरियाई सेना को तबाह कर देगा. दरअसल, हाल ही में सीरियाई सरकार ने स्वेइदा शहर में सेना भेजी थी ताकि ड्रूज़ लड़ाकों और बेदुईन कबीलों के बीच जारी संघर्ष को रोका जा सके. लेकिन बाद में वही सेना ड्रूज़ लड़ाकों से भिड़ गई, जिससे हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए.
इजरायल में भी उठा विरोध, सेना से हस्तक्षेप की मांग
इजरायल में रहने वाले ड्रूज़ नागरिकों ने भी अपनी सरकार से मांग की है कि वे सीरिया में अपने समुदाय की रक्षा करे. मंगलवार को एक ड्रूज़ धार्मिक नेता ने कहा कि हमारी कौम पर सरकार की तरफ से बर्बर हमला किया जा रहा है. ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, सीरियाई सरकार का कहना है कि इस हिंसा के पीछे कुछ गैर-कानूनी गिरोह हैं, ना कि उनकी सेना.
गोलन हाइट्स के पास तैनात की गई इजरायली सेना
इजरायल ने साफ किया है कि वो ड्रूज़ समुदाय को सुरक्षा देने के लिए हर कदम उठाएगा. इसके तहत, उसने अपनी सेना को गोलन हाइट्स से लगे इलाकों में तैनात कर दिया है, जो इजरायल के कब्जे में हैं. ये इलाके रणनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं.
इजरायली रक्षा मंत्री का तीखा बयान
बुधवार को इजरायली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने बयान जारी कर कहा कि इजरायली सेना तब तक सरकारी सेना पर हमला करती रहेगी, जब तक वे इलाके से वापस नहीं चले जाते और अगर बात समझ में नहीं आई, तो जल्द ही शासन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई भी तेज कर दी जाएगी.