- केंद्रीय बजट: ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन’ की घोषणा
- फुटवियर व चमड़ा क्षेत्र के लिए ‘फोकस उत्पाद योजना’ 22 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
- भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना
Union Budget 2025 : केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करने के उद्देश्य से एक “राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन” की घोषणा की। इससे केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीतिगत समर्थन, क्रियान्वयन रोडमैप, शासन और निगरानी ढांचा उपलब्ध होगा।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन पांच प्रमुख क्षेत्रों पर जोर देगा, मसलन- व्यापार करने में आसानी और लागत, मांग में नौकरियों के लिए भविष्य के लिए तैयार कार्यबल, एक जीवंत और गतिशील एमएसएमई क्षेत्र, प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और गुणवत्ता वाले उत्पाद।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मिशन स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण का भी समर्थन करेगा और इसका उद्देश्य घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार करना और सौर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर और नियंत्रक, इलेक्ट्रोलाइजर, पवन टर्बाइन, बहुत उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरी के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। वित्त मंत्री ने श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए उपायों की रूपरेखा भी बताई। उन्होंने कहा कि सरकार श्रम-प्रधान क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट नीति और सुविधा उपाय करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने निर्दिष्ट किया कि भारत के फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए एक फोकस उत्पाद योजना लागू की जाएगी। यह योजना चमड़े के जूते और उत्पादों के अलावा गैर-चमड़े की गुणवत्ता वाले जूतों के उत्पादन के लिए आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक निर्माण और मशीनरी का समर्थन करेगी। इस योजना से 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का प्रस्ताव रखा, ताकि भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह योजना क्लस्टरों, कौशल और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो उच्च गुणवत्ता वाले, अद्वितीय, अभिनव और टिकाऊ खिलौने बनाएगी, जो ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण के लिए समर्थन के मोर्चे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने ‘पूर्वोदय’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। केंद्रीय मंत्री ने बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। यह संस्थान पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूत बढ़ावा देगा। इससे किसानों की उपज के मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि होगी तथा युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।