
नींद छात्रों के लिए सिर्फ आराम नहीं, बल्कि उनकी पढ़ाई और मानसिक सेहत का अहम आधार है। कई रिपोर्ट्स और रिसर्च लगातार यह साबित करती रही हैं कि अच्छी और पूरी नींद छात्रों को ज्यादा फोकस्ड, रचनात्मक और याददाश्त के मामले में तेज बनाती है। फिर भी भारतीय घरों में अक्सर बच्चों को यही समझाया जाता है कि लक्ष्य हासिल करने तक नींद कम करके मेहनत बढ़ानी चाहिए। हमारे समाज में मशहूर कहावत है— “जो सोवत है वो खोवत है, जो जगत है वो पावत है।” इसे पढ़ाई से जोड़कर इस तरह पेश किया जाता है कि ज्यादा जागने और कम सोने से ही सफलता मिलती है।
हालाँकि वैज्ञानिक अध्ययनों की मानें तो यह धारणा गलत है। MIT की एक स्टडी, जो npj Science of Learning में प्रकाशित हुई थी, बताती है कि परीक्षा के दिनों में नींद कम करने की बजाय, पूरे महीने भर की नियमित और गुणवत्तापूर्ण नींद ही वास्तविक फर्क पैदा करती है। यानी सिर्फ एग्जाम से एक रात पहले जागकर पढ़ने का असर उतना नहीं होता, जितना लगातार अच्छी नींद लेने से होता है।
सिंगापुर में हुए एक शोध (Frontiers in Psychology) में पाया गया कि पर्याप्त नींद लेने वाले छात्र मानसिक रूप से ज्यादा स्थिर रहते हैं। उनमें चिंता कम होती है, मूड बैलेंस रहता है और तनाव कम महसूस होता है। अच्छी मानसिक स्थिति का सीधा असर उनके पढ़ाई के प्रदर्शन पर दिखता है। इसके उलट, कम नींद लेने वाले छात्र मानसिक रूप से थके हुए महसूस करते हैं और पढ़ाई में उनकी पकड़ कमजोर हो जाती है।
रिसर्च यह भी कहती है कि हर छात्र की अपनी प्राकृतिक बॉडी क्लॉक होती है। कोई सुबह जल्दी उठकर बेहतर पढ़ता है, तो कोई देर रात में ज्यादा प्रोडक्टिव होता है। जब छात्र अपनी सर्केडियन रिद्म के खिलाफ जाकर पढ़ाई करते हैं, तो दिमाग प्रभावी तरीके से काम नहीं कर पाता और प्रदर्शन गिर सकता है।
Carnegie Mellon University की रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन 6 घंटे से कम सोने वाले छात्रों में “स्लीप डेब्ट” बढ़ने लगता है। इसका असर उनकी याददाश्त, सीखने की क्षमता और एकाग्रता पर गंभीर रूप से पड़ता है। लगातार स्लीप डेब्ट जमा होने पर छात्र का दिमाग थकने लगता है और वह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाता।
शोध कहीं अधिक समय तक जागकर पढ़ने की बजाय, पावर नैप लेने को फायदेमंद मानते हैं। स्टडी ब्रेक में 20–30 मिनट का छोटा सा पावर नैप दिमाग को तुरंत एनर्जी देता है। इससे मूड फ्रेश होता है, क्रिएटिविटी बढ़ती है और कठिन विषयों—जैसे गणित व विज्ञान—पर फोकस मजबूत होता है।
कुल मिलाकर, नींद छात्रों के लिए छिपी हुई सुपरपावर है। जितनी अच्छी नींद — उतना बेहतर दिमाग, उतना शानदार प्रदर्शन। इसलिए नींद काटने की सलाह देने के बजाय, छात्रों को नियमित, गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करना ही असली समझदारी है।















