सीतापुर : दो साल में दो बलात्कारी व हत्यारों को फांसी की सजा, एक पिता तो दूसरा चाचा; न्यायालय ने दी सजा-ए-मौत

सीतापुर। जनपद सीतापुर में पिछले दो वर्षों के भीतर पॉक्सो कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो फांसी की सजाओं ने न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास और मजबूत किया है। इन फैसलों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जघन्य अपराधों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में, कानून सख्त और निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है।

पहला मामला-वर्ष 2020 में रेउसा थाना क्षेत्र के ग्राम कांतापुरवा रसूलपुर में एक वीभत्स घटना सामने आई थी। आरोपी रामकृपाल पुत्र रामदत्त ने अपनी सगी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। अपराध को छुपाने के लिए उसने शव को घर के अंदर पानी से भरे गड्ढे में दबा दिया और खुद ही गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी।

इस मामले में शासकीय अधिवक्ता आशुतोष अवस्थी की मजबूत और तर्कसंगत पैरवी के कारण, स्पेशल पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2023 को आरोपी रामकृपाल को फांसी की सजा सुनाई। इस ऐतिहासिक फैसले ने समाज में एक कठोर संदेश दिया कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

दूसरा मामला-इसी कड़ी में, 18 सितंबर को पॉक्सो कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। थाना इमलिया सुल्तानपुर में अपनी ही भतीजी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने वाले आरोपी नीलू को भी मौत की सजा सुनाई गई। यह फैसला भी कानून की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई को दर्शाता है।

इन दो बड़े फैसलों ने यह साबित कर दिया है कि न्याय में देरी नहीं होती और जघन्य अपराधों के दोषियों को उनके अपराध के लिए कठोरतम दंड मिलता है। इन फैसलों से न केवल अपराध पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिला है, बल्कि पूरे समाज में कानून का सम्मान और अपराधियों में भय का माहौल भी स्थापित हुआ है। यह न्यायिक प्रणाली की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सुनिश्चित करती है कि कोई भी जघन्य अपराधी कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकता।

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