
- सैकड़ो बीघा धान गन्ने की खड़ी फसलों सहित कृषि योग्य भूमि शारदा नदी की आगोश में समाई
Tambaur-Sitapur : विकास खण्ड बेहटा की ग्राम पंचायत मानपुर मल्लापुर के मजरा लखनीपुर में शारदा नदी ने रौद्र रूप धारण कर गांव को निगलने को बेताब दिखाई दे रही है। शारदा नदी लगभग एक माह से इस गांव किनारे धीरे-धीरे कटान कर रही थी। इधर दो दिनों से नदी काफी जोरो से कटान करते हुए लगभग 25 मीटर तटबन्ध सहित पचासों बीघा धान की खड़ी फसल सहित कृषि योग्य भूमि काटते हुए गांव के बिल्कुल करीब आ गई है। पूर्व में भी इस नदी ने सैकड़ो बीघा कृषि योग्य भूमि व धान गन्ने की खड़ी फसले तबाह कर चुकी है। सिंचाई विभाग सिर्फ मूकदर्शक बना हुआ है। सिंचाई विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए किए गए कटान रोधी कार्य लगातार विफल साबित हो रहे है। नदी के कटान को देखते हुए लखनीपुर गांव का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है।
लखनीपुर निवासी भाईलाल की पांच बीघा, मीना की तीन बीघा, बाबू रामप्रसाद की तीन बीघा, सुरेश की दो बीघा, रामनरेश की तीन बीघा, रामस्वरूप की पांच बीघा, सरवन की दो बीघा, बृज किशोर की तीन बीघा, विशम्भर की ढाई बीघा धान की खड़ी फसलें दो दिनों में शारदा नदी की कटान में बह गई है। लगातार हो रहे कटान के कारण ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। कई ग्रामीणों ने बताया रात जाग जाग कर गुजार रहे है हर समय भय का माहौल बना रहता है। अधिकतर किसानों की जमीनें नदी के उसपार होने से मवेशियों के सामने भी हरे चारे आदि का संकट बना हुआ है।

सात घर कटे, नौ कटने की कगार पर
रामपुर मथुरा, सीतापुर। घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर है, सात घर नदी में कट गए हैं नौ घर कटने की जद में हैं। मंगलवार को घाघरा नदी का जलस्तर 118.50 मीटर पर ही स्थित रहा जो खतरे के निशान 119.00 मीटर से 0.50 मीटर नीचे है। सुकुल पुरवा ग्राम पंचायत के मजरे लोधन पुरवा, सुंदर पुरवा गांव में राजमल, रमेध, भाई लाल, इंद्रपाल, रामकुमार तथा लोधन पुरवा में देशराज तिलकराम के घर नदी में कट गए हैं। वहीं कई ग्रामीणों के घर कटने की कगार पर हैं। वहीं ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी में जुट गए हैं। तहसील प्रशासन लोगों से आश्रय स्थल जाने की अपील कर रहा है।

हालांकि जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने के कारण कटान में कमी आई है। सुंदर पुरवा हजारा निवासी सीताराम, भारत, दीपू, रामदीन, विशंभर, लल्लू, बेनीराम, मनोरथ, सुंदर, देशराज, राजेश, भाई लाल, इंद्रपाल, गया प्रसाद, रमेश, परमेश के घरों में करीब ढाई से तीन फीट पानी भरा है। तटवर्ती गांवों में भी बाढ़ का पानी स्थिर है सुंदर पुरवा, हजारा, जगरूप पुरवा, अंगरौरा, अखरी, निरंजन पुरवा, बक्सी पुरवा, जगरूप पुरवा, कनरखी, सोती पुरवा तथा मिश्रण पुरवा समेत करीब 15 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। उप जिलाधिकारी महमूदाबाद बालकृष्ण सिंह ने बताया कि घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर है बाढ़ व कटान का सर्वे कराया जा रहा है, पीड़ितों बसाने के लिए भी जमीन चिन्हित कर ली गई है जल्द ही इन्हे बसाया जाएगा।
