
- ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन ने एक दिवसीय अधिवेशन कर ज्ञापन सौंपा
Sitapur : कार्यरत ग्राम विकास अधिकारियों ने अपनी सेवा और सरकारी योजनाओं के संचालन से जुड़ी विभिन्न कठिनाइयों को लेकर आज हुंकार भरी और प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा। संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराया, जिनमें क्लस्टर आवंटन, गौशालाओं की मॉनिटरिंग, लेखा परीक्षा और फैमिली आईडी जैसी योजनाएं शामिल हैं। संघ के अध्यक्ष विलेश तिवारी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
क्लस्टर आवंटन में विसंगति
ग्राम विकास अधिकारियों ने शिकायत की है कि विभिन्न विकास खंडों में क्लस्टर का आवंटन समान रूप से नहीं किया गया है। उन्होंने मांग की है कि इसे संशोधित कर सभी के बीच बराबर बांटा जाए और अतिरिक्त क्लस्टर का चार्ज भौतिक रूप से पास वाले क्लस्टर को ही दिया जाए, जैसा कि शासनादेश में उल्लेख है।
गौशाला की मॉनिटरिंग और ‘प्रतिकूल प्रविष्टि’
ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि गौशालाओं के कैमरे खराब होने या रिचार्ज खत्म होने पर बिना कारण जाने ही उन्हें ‘प्रतिकूल प्रविष्टि’ दे दी जाती है, जो अनुचित है। उन्होंने इसे हटाने की मांग की है। साथ ही बरसात में जलभराव वाली गौशालाओं को ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।
लेखा परीक्षा में देरी
संगठन ने बताया कि लेखा परीक्षकों द्वारा मनमाने ढंग से आपत्तियां लगाई जाती हैं, जिनका निस्तारण नहीं हो रहा है। उन्होंने लेखा परीक्षा के लिए अन्य एजेंसियों को अधिकृत करने की मांग की है, ताकि यह प्रक्रिया समय पर और निष्पक्ष रूप से पूरी हो सके।
‘एक परिवार-एक पहचान’ योजना में लक्ष्य का दबाव
ज्ञापन में कहा गया है कि ‘एक परिवार-एक पहचान’ योजना में गैर-राशन कार्ड धारक परिवारों की संख्या ग्राम पंचायतों में कम होने के बावजूद 100 आईडी बनाने का लक्ष्य दिया जाता है। लक्ष्य पूरा न होने पर वेतन रोक दिया जाता है, जिससे VDOs एक ही परिवार के सदस्यों की अलग-अलग आईडी बना रहे हैं। इससे योजना का मूल उद्देश्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने लक्ष्य-आधारित प्रणाली खत्म करने और रोके गए वेतन को जारी करने का अनुरोध किया है।
अनावश्यक बैठकों पर रोक
ग्राम विकास अधिकारियों ने मांग की है कि जनपद स्तर पर अनावश्यक बैठकें न बुलाई जाएं, क्योंकि इससे ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्य बाधित होते हैं।
कार्य की अधिकता
सहायक विकास अधिकारी (ISB) का अतिरिक्त प्रभार मिलने से ग्राम पंचायत के कार्य प्रभावित होते हैं। इसके बावजूद कार्य पूरा न होने पर कार्यवाही की जाती है।
सेवा संबंधी लाभों में देरी
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि VDOs की 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद भी ACP (Assured Career Progression) जैसे लाभ लंबित हैं। साथ ही सेवा पुस्तिका और GPF जैसे महत्वपूर्ण अभिलेखों के अपूर्ण होने से भी वेतन वृद्धि बाधित हो रही है।
अवकाश स्वीकृति में विलंब
ग्राम विकास अधिकारियों ने बताया कि अवकाश के लिए आवेदन करने के बावजूद उन्हें समय पर छुट्टी नहीं मिलती, जिससे उन्हें अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
पेशेवर शिकायतकर्ताओं से बचाव
संगठन ने मांग की है कि केवल प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का ही संज्ञान लिया जाए, ताकि कुछ व्यक्तियों और पेशेवर शिकायतकर्ताओं द्वारा झूठी खबरों से कर्मचारियों का उत्पीड़न न हो सके।
ये भी पढ़ें: नेपाल में बिगड़े हालात के मद्देनजर यूपी के सीमावर्ती जिलों में हाईअलर्ट, हेल्पलाइन नंबर जारी