Sitapur : बाघ का बहाना, कहीं और निशाना

Sitapur : जिले में बाघ की अफवाहों को लेकर एक नया मामला सामने आया है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ‘बाघ का बहाना, कहीं और निशाना’ की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।

फरार युवती का मामला

यह पूरा मामला तब सामने आया जब मछरेहटा थाना क्षेत्र के राठौरपुर गांव से एक युवती अचानक गायब हो गई। उसकी मां ने गांव में शोर मचा दिया कि बाघ ने उनकी बेटी पर हमला कर दिया है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इसके बाद प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गए। लेकिन, जांच-पड़ताल में जो सच्चाई सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया।

पुलिस को मिली सूचनाओं से पता चला है कि युवती का अपहरण बाघ ने नहीं, बल्कि वह अपने प्रेमी के साथ फरार हुई है। इस घटना ने युवती की मां के झूठ को उजागर कर दिया, जिससे सभी की फजीहत हो रही है।

महोली में भी पहले फैल चुकी हैं ऐसी अफवाहें

यह पहली बार नहीं है जब बाघ के नाम पर ऐसी अफवाहें फैली हैं। महोली तहसील में भी पहले दो बार इसी तरह की घटनाओं को लेकर हल्ला मचाया जा चुका है। एक बार महोली के एक गांव में एक अधेड़ व्यक्ति अपने खेत में मृत पाया गया था, जिसके बाद यह अफवाह तेजी से फैली कि उसे बाघ ने मार डाला है। हालांकि, बाद में जांच से पता चला कि मौत का कारण कुछ और था और बाघ का इसमें कोई हाथ नहीं था।

इन घटनाओं से यह साबित होता है कि कुछ लोग अपनी निजी समस्याओं या किसी और मकसद को छुपाने के लिए बाघ जैसे खतरनाक जानवर का सहारा लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं, जिससे न सिर्फ प्रशासन का समय और संसाधन बर्बाद होता है, बल्कि आम जनता में भी अनावश्यक भय पैदा होता है।

बाघ की झूठी अफवाहें फैलाने वालों पर वन विभाग करेगा कार्रवाई

सीतापुर: जिले में बाघ के नाम पर लगातार फैल रही झूठी अफवाहों को देखते हुए अब वन विभाग सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में मछरेहटा और महोली क्षेत्र में हुई घटनाओं के बाद, विभाग ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है जो अपनी निजी समस्याओं के लिए बाघ की मौजूदगी की झूठी खबरें फैलाकर दहशत पैदा कर रहे हैं।

यह कदम तब उठाया गया है जब मछरेहटा के राठौरपुर गांव में एक युवती के लापता होने के बाद उसकी मां ने यह अफवाह फैला दी कि उसे बाघ उठा ले गया है। बाद में यह पता चला कि युवती अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। इसी तरह, महोली में भी एक अधेड़ व्यक्ति की मौत को बाघ के हमले से जोड़ा गया था, जबकि सच्चाई कुछ और थी।

​वन विभाग का मानना है कि इस तरह की झूठी खबरें न केवल लोगों में बेवजह डर पैदा करती हैं, बल्कि बचाव और राहत कार्यों में भी बाधा डालती हैं। इन अफवाहों से विभाग का समय और संसाधन अनावश्यक रूप से बर्बाद होता है।

वन विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में अगर कोई भी व्यक्ति बाघ या किसी अन्य जंगली जानवर के नाम पर झूठी खबर फैलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और ऐसी घटनाओं की पुष्टि के लिए सीधे वन विभाग या पुलिस से संपर्क करें।

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